दो-तीन क्विंटल धान मंडी में लेकर आने वाले मैसेजों से भड़के किसान
संवाद सहयोगी घरौंडा सरकारी खरीद शुरू होने के बाद सरकार ने दो-तीन क्विंटल धान मंडी
संवाद सहयोगी, घरौंडा : सरकारी खरीद शुरू होने के बाद सरकार ने दो-तीन क्विंटल धान मंडी में लेकर आने के मैसेज किसानों के पास भेजने शुरू कर दिए हैं। खरीद नीति से भड़की भारतीय किसान यूनियन ने किसानों के साथ मार्केट कमेटी कार्यालय में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार एक व दो क्विंटल धान मंडी में लाने के मैसेज भेजकर उनके साथ मजाक कर रही है। किसान यूनियन ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।
सरकार ने मंडी में धान लाने के नियमों में बदलाव किया है, लेकिन सरकार के बदलाव किसानों के लिए परेशानियों का कारण बन रहे है। नियमों के अनुसार, किसानों के पास चंडीगढ़ से मैसेज आएगा, जिसके बाद ही किसान अपनी धान मंडी में लेकर आ सकता है। चंडीगढ़ मुख्यालय से किसानों को महज एक, दो या फिर तीन क्विंटल तक धान ही मंडी में लेकर आने के मैसेज भेजे जा रहे है। इस तरह के मैसेजों ने किसानों के बीच आक्रोश पैदा कर दिया है। सोमवार को भारतीय किसान यूनियन के जिला महासचिव जगदीप सिंह औलख के नेतृत्व में किसानों ने मार्केट कमेटी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। भाकियू के जिला महासचिव जगदीप सिंह औलख, किसान सुभाष बरसाना, राजेश गुढा, बलकार बसताड़ा, मनीष घरौंडा, पन्ना लाल गुढा, ताराचंद, सुभाष का कहना है कि पीआर धान लाने के लिए चंडीगढ़ से किसानों के पास दो व तीन क्विंटल धान निर्धारित समय पर मंडी में लाने की सूचना दी गई है। सरकार ने किसानों के साथ मजाक किया है। एक-एक किसान ने कई-कई एकड़ में धान लगाई हुई है और प्रत्येक एकड़ में लगभग 30 क्विंटल धान की पैदावार हुई है ऐसे में दो या तीन क्विटल फसल मंडी में लेकर आना संभव ही नहीं है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार की नीतियों से किसान परेशान हो चुका है। किसानों की समझ से परे चंडीगढ़ से मिलने वाले मैसज
मोबाइल फोन में चंडीगढ़ से पहुंच रहे मैसेजों की शिकायत लेकर किसान मार्केट कमेटी कार्यालय पहुंच रहे हैं और अधिकारी इसे तकनीकी खराबी का नाम दे रहे हैं। किसानों का कहना है कि सरकार किसानों को परेशान करने की मंशा से कार्य कर रही है। मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर किसानों ने अपने खेत की एक-एक फसल का ब्यौरा दर्ज करवाया हुआ है। चंडीगढ़ कार्यालय में बैठे लोगों को कंप्यूटर पर दिखाई नहीं देता कि किस जमीदार के पास फसल है। बावजूद इसके उनके पास एक या दो क्विटल धान लेकर आने के मैसेज भेजे जा रहे हैं। यदि सरकार इसी तरह के मजाक करती रही तो किसान आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेगा। मार्केट कमेटी सचिव चंद्रप्रकाश ने बताया कि किसानों के पास एक, दो व तीन क्विटल धान मंडी में लेकर आने के मैसेज आए हैं। इसको लेकर किसान अपनी शिकायत लेकर कार्यालय में आए थे। किसी तरह का टेक्निकल फॉल्ट हुआ है जिस वजह से इस तरह के मैसेज किसानों के पास पहुंचे हैं। इस संबंध में उच्चाधिकारियों से बातचीत की जाएगी और समस्या के समाधान का प्रयास किया जाएगा।