खेतों में जला रहे फाने, वातावरण प्रदूषित कर रहे किसान
लॉकडाउन में बेश्क वातावरण स्वच्छ दिखाई पड़ रहा है लेकिन फसल के अवशेष पर्यावरण में जहर घोल रहे हैं। क्षेत्र में गेहूं कटाई के बाद अनेक किसान फानों को आग के हवाले कर रहे हैं। उन्हें पर्यावरण प्रदूषण फैलने व सरकार के नियमों की कोई परवाह नहीं है। कुछ किसान बड़ी चालाकी दिखाते हुए फानों में आग लगाकर साथ ही खेत को ट्रेक्टर से जोतने में जुट जाते हैं और कई बार फसल अवशेष जलाने वाले ऐसे लोग प्रशासनिक कार्रवाई से भी बच निकलते हैं।
नरेंद्र धुमसी, इंद्री
लॉकडाउन में बेशक वातावरण स्वच्छ दिखाई पड़ रहा है, लेकिन फसल के अवशेष पर्यावरण में जहर घोल रहे हैं। क्षेत्र में गेहूं कटाई के बाद अनेक किसान फानों को आग के हवाले कर रहे हैं। उन्हें पर्यावरण प्रदूषण फैलने व सरकार के नियमों की कोई परवाह नहीं है। कुछ किसान बड़ी चालाकी दिखाते हुए फानों में आग लगाकर साथ ही खेत को ट्रैक्टर से जोतने में जुट जाते हैं और कई बार फसल अवशेष जलाने वाले ऐसे लोग प्रशासनिक कार्रवाई से भी बच निकलते हैं। कागजों तक सिमटी अधिकारियों की योजनाओं का फायदा उठाकर कुछ किसान रात के समय फानों में आग लगा अंजान बन रहे हैं। क्षेत्र में इस सीजन में फसल अवशेष जलाने वाले 17 लोगों पर जुर्माना ठोका गया है, और एक किसान के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज करवाई गई है। विशेष है कि इन दिनों यमुनानदी क्षेत्र के आसपास व अन्य कई गांवों में कुछ लोग बेधड़क होकर फसल के अवशेष फूंककर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। वातावरण संरक्षण के लिए बनाई जाती कमेटी
सैटेलाइट सिस्टम की लोकेशन लेकर हलका पटवारी की रिपोर्ट पर कृषि विभाग की ओर से आरोपित किसान के खिलाफ मामला दर्ज करवाया जाता है। इसके अलावा, जुर्माना का भी प्रावधान है। प्रशासन की ओर से ग्राम सचिव, पटवारी व कृषि विभाग के एडीओ की एक कमेटी बनाई गई है, जिन्हें निगरानी रखनी होती है और इनकी रिपोर्ट पर आगामी कार्रवाई होती है। तहसीलदार दर्पण कांबोज ने कहा कि फसल के अवशेष जलाने वाले लोगों पर प्रशासन कार्रवाई करता है। कुछ लोग फसल के अवशेष जलाकर खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा काम कर रहे हैं। इससे जमीन की उर्वरा शक्ति कमजोर होती है और प्रदूषण भी फैलता है। गेंहू के फानों से भूस बनवा सकते हैं। नियम तोड़ने पर जुर्माने का प्रावधान
खंड कृषि अधिकारी जोजन सिंह का कहना है कि प्रशासन की ओर से पटवारी, ग्राम सचिव व एडीओ की कमेटी बनाई है। सैटेलाइट लोकेशन के आधार पर फाने जलाने वाले 17 किसानों पर जुर्माना लगाया गया और बिना सैटेलाइट के एक किसान पर एफआइआर दर्ज करवाई गई है। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी फसल अवशेष जलाता है तो दो एकड़ तक ढाई हजार रुपये, दो से पांच एकड़ के फाने जलाने पर पांच हजार रुपये व पांच एकड़ से ज्यादा फसल के अवशेष जलाने पर 15 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाता है। यदि कोई जुर्माना नहीं भरता है तो पुलिस में शिकायत देकर एफआइआर दर्ज करवा दी जाती है।