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इंदिरा कालोनी से पकड़ी नकली दवाइयों की फैक्ट्री

सीएम सिटी में नकली दवाइया बनाए जाने का मामला सामने आया है। एक बड़ी दवा कंपनी की नकली दवाइया बनाने की फैक्टरी शहर की इंदिरा कालोनी में चलाई जा रही थी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 May 2019 09:37 AM (IST)Updated: Sun, 05 May 2019 06:31 AM (IST)
इंदिरा कालोनी से पकड़ी नकली दवाइयों की फैक्ट्री
इंदिरा कालोनी से पकड़ी नकली दवाइयों की फैक्ट्री

जागरण संवाददाता, करनाल : सीएम सिटी में नकली दवाइया बनाए जाने का मामला सामने आया है। एक बड़ी दवा कंपनी की नकली दवाइया बनाने की फैक्टरी शहर की इंदिरा कालोनी में चलाई जा रही थी। दवा कंपनी की शिकायत पर ड्रग कंट्रोल विभाग ने छापामारी कर लाखों रुपये की नकली दवाइया बनाई जा रही थी। इंसानों के साथ ही पशुओं की नकली दवाइया इस फैक्ट्री में बनाई जा रही थी। अभी तक नकली दवाइयों की फैक्टरी का मालिक अभी फरार बताया जा रहा है।

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आइकॉन हेल्थ कंपनी के दीपक सचदेवा ने बताया कि सूचना मिली थी कि उनकी कंपनी के नाम से बाजार में नकली दवाइया उपलब्ध हो रही हैं। छानबीन करने पर पता चला कि यह दवा फैक्ट्री करनाल शहर की इंदिरा कालोनी से संचालित की जा रही है। इस बारे में तुरंत ड्रग कंट्रोल विभाग को सूचित किया गया। विभाग को सूचना मिली तो उनके भी हाथ पाव फूल गए। विभाग ने तुरंत टीम गठित की और शुक्रवार रात को फैक्ट्री पर छापामारा गया तो यहा पर लाखों रुपये की नकली दवाइया बरामद की गई।

ड्रग कंट्रोलर सुनील दहिया ने कहा कि कई कंपनियों की नकली दवाइया मिली है। इस मामले की जाच की जा रही है।

बाजार में उपलब्ध नकली दवाइयों का क्या होगा

एक अदद सवाल यह है कि बाजार में किस हद तक यह नकली दवाइया फैल चुकी होंगी। इसकी जाच किस स्तर पर की जाएगी। क्या इन नकली दवाइयों को बाजार से वापस लिया जा सकता है। इसका जवाब किसी के पास नहीं है। यह भी जाहिर है कि यह नकली दवाइया मरीजों तक पहुंच चुकी होंगी। लिहाजा लोग दवाई लेते समय उसकी अच्छी तरह से जाच परख लें।

कैमिस्ट की मिलीभगत से नहीं किया जा सकता इन्कार

नकली दवाइयों के धंधे को आगे बढ़ाने में कैमिस्ट की मिलीभगत से इन्कार नहीं किया जा सकता। क्योंकि कैमिस्ट को अच्छी तरह से पता होता है कि दवा बेचने वाले कंपनी के अधिकारी कौन है और उनको दुकानों तक लाकर बेचने वाले कौन है। वह दवाइयों की फैक्टरियों के बारे में भी जानकारी रखते हैं। जब भी कोई दवा दुकान पर बेचने के लिए लेते हैं तो उसे अच्छी तरह से परख लेते हैं। लिहाजा नकली दवा फैक्टरी की दवाइयों को छोटे लालच में फंसकर केमिस्ट बेच रहे थे। जबकि यह दवाइया जान से खिलवाड़ साबित हो रही हैं।


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