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फर्जी बिलिग मामला: दो को करोड़ों के नोटिस जारी, पीड़ित मांग रहे इंसाफ

बाद में खुलासा हुआ कि बेहद सुनियोजित ढंग से उन दोनों के नाम पर बाकायदा कंपनी रजिस्टर्ड करवाकर करोड़ों रुपये का जीएसटी बिल फर्जीवाड़ा किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 06:23 AM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 06:23 AM (IST)
फर्जी बिलिग मामला: दो को करोड़ों के नोटिस जारी, पीड़ित मांग रहे इंसाफ
फर्जी बिलिग मामला: दो को करोड़ों के नोटिस जारी, पीड़ित मांग रहे इंसाफ

जागरण संवाददाता, करनाल : एक छोटी सी चूक जी का जंजाल बन गई। जी हां, कुछ ऐसा ही हुआ है करनाल के अर्जुन गेट में रहने वाले सुभाष सेठी के साथ, जिनका परिवार शहर में सब्जी व पकौड़ों की रेहड़ी लगाकर बमुश्किल जीवन चलाता है। तीन वर्ष पहले कुछ शातिर लोगों के फर्जीवाड़े के शिकार बने सेठी व नेवल के बलविद्र को एक बार फिर बहुचर्चित फर्जी जीएसटी बिलिग के मामले में करोड़ों रुपये के रिकवरी नोटिस जारी कर दिए गए हैं। इससे दोनों परिवारों का कलेजा मुंह को आ गया है। उन्होंने गुहार लगाई है कि उनके साथ इंसाफ किया जाए। वहीं, अर्से बाद एक बार फिर सामने आए इस मामले को लेकर लोगों में तमाम किस्म की चर्चाएं जोरों पर हैं।

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दरअसल, यह पूरा मामला 2017 की जुलाई में एकाएक सुर्खियों में छा गया था, जब पड़ोसी जिले पानीपत में जीएसटी के फर्जी बिलिग मामले का पर्दाफाश हुआ। हुआ यह था कि अप्रैल 2016 में पुरानी सब्जी मंडी में लगने वाली फड़ियों और रेहड़ियों को नई सब्जी मंडी में शिफ्ट कर दिया गया था। यहां के सुभाष उर्फ शंभू भी पुरानी सब्जी मंडी में फड़ी लगाते थे। नई जगह पर मंडी लगने से उनका काम भी प्रभावित हो गया तो घर का गुजारा चलाना मुश्किल हो गया। ऐसे में चार जुलाई 2017 में लोन दिलाने के नाम पर उनसे पड़ोस के रहने वाले महिद्र बहल ने आइडी ले ली थी। दिलचस्प पहलू यह है कि काम बढ़ाने के लिए मिलने वाले इस 50 हजार रुपये के ऋण में सिर्फ एक तिहाई पैसों का ही भुगतान करना था। इसी लालच में आकर उन्होंने हां कर दी। महिद्र ने आइडी लेने के करीब 10 दिन बाद उन्हें पानीपत के एक होटल में बुलाया। जहां कई पेज पर उनके हस्ताक्षर कराए और फोटो भी लिए। यहां उन्हें यह कहा गया कि ऋण पानीपत में मिलना है। फिर तब महिद्र किसी मामले में जेल चला गया। उनके दामाद बलविद्र के भी कागज जमा हुए थे। बाद में खुलासा हुआ कि बेहद सुनियोजित ढंग से उन दोनों के नाम पर बाकायदा कंपनी रजिस्टर्ड करवाकर करोड़ों रुपये का जीएसटी बिल फर्जीवाड़ा किया गया है। इससे उनके पैरों तले की जमीन खिसक गई थी।

तभी से आज तक लगातार गहरे मानसिक तनाव से जूझ रहे इन दोनों परिवारों का कहना है कि अब उन्हें इसी मामले में संबधित विभाग की ओर से नौ करोड़ रुपये की रिकवरी के लिए नोटिस जारी कर दिए गए हैं। इससे उनका जीना मुहाल हो गया है। शुक्रवार को सुभाष व बलविद्र ने मीडियाकर्मियों के समक्ष अपना दर्द साझा करते हुए गुहार लगाई कि उनके साथ इंसाफ किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि करोड़ों रुपये की रिकवरी के लिए उन पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है, जिससे उनका बुरा हाल है।


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