बहुत हुई छुट्टी, आज से पीठ पर बैग लेकर स्कूल पहुंचेंगे बच्चे
जागरण संवाददाता करनाल दस माह से घर बैठे बच्चों में स्कूल खुलने की सूचना मिलने पर उत्साह
जागरण संवाददाता, करनाल : दस माह से घर बैठे बच्चों में स्कूल खुलने की सूचना मिलने पर उत्साह झलक रहा है। पिछले एक माह से निजी व सरकारी स्कूल प्रबंधकों ने कक्षा छह से आठवीं के बच्चों को पढ़ाने की पुख्ता तैयारी कर ली है, जबकि बच्चे भी स्कूल बैग सजाने में लगे हुए हैं। शिक्षा विभाग के आदेशानुसार सोमवार से कक्षा छह से आठ के बच्चे भी स्कूल में पढ़ाई के लिए पहुंचेंगे। इससे पहले कक्षा 9 से 12वीं तक के विद्यार्थी तीन घंटे के लिए स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं। कक्षा 6-8 के बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए मुख्य गेट पर तापमान की जांच और हाथ सैनिटाइज के अलावा सिटिग प्लान तैयार किया गया है।
वार्षिक परीक्षा से पहले सिलेबस समझने का मौका
मार्च-2020 के बाद कोरोना महामारी की घोषणा के बाद से शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया था। दो माह पहले 9वीं से 12वीं के बच्चों को तीन घंटे के लिए स्कूलों में शिक्षा दी जा रही है। प्रदेश सरकार के स्कूलों की सूचना मिलने पर निजी व सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छह से आठवीं कक्षा के तकरीबन एक लाख से अधिक विद्यार्थी स्कूलों में जा सकेंगे। अभिभावक जगदीश कुमार ने बताया कि बच्चों को घर बैठे दस माह से अधिक समय हो गया है और अब उनके वार्षिक परीक्षा की चिता होने लेगी थी। सरकार के स्कूल खोलने की घोषणा के बाद दो माह बच्चे अपने सिलेबस को गुरुजी से समझ सकेंगे।
स्कूलों में कोरोना संक्रमण से बचाव की गाइडलाइन की पालना
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रोहताश वर्मा ने बताया कि एक माह से उच्चाधिकारियों के साथ स्कूलों में बच्चों के आगमन को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। स्कूल मुखियाओं को संक्रमण बचाव को लेकर आदेश जारी किए गए हैं। लगभग सभी स्कूलों के संतोषजनक जवाब के बाद मुख्यालय में बच्चों की कक्षाएं चालू करने के आदेश जारी किए हैं। प्राइवेट स्कूलों के जिला प्रधान राजन लांबा ने बताया कि स्कूलों में पहले से ही बच्चों की सुरक्षा की तैयारियां कर ली गई हैं। 9वीं से 12वीं के बच्चों को शिक्षा दी जा रही है अब स्कूल परिसर में कक्षा लगाकर 6 से 8वीं तक बच्चों की पढ़ाई करवाई जाएगी।
हिदायतों का करना होगा पालन - स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी का पालन जरूरी होगा। - कक्षाओं में शारीरिक दूरी सुनिश्चित करनी होगी। - स्कूल आने वाले सभी विद्यार्थियों की स्क्रीनिग की जाएगी। - कोरोना रहित लक्षण वालों को ही परिसर में प्रवेश मिलेगा।