करनाल में उपायुक्त के नहीं मिलने पर निराशा लौटे फरियादी
जागरण संवाददाता करनाल समय सुबह साढ़े 11 बजे दिन शुक्रवार डीसी कार्यालय। डीसी विनय प्रताप ¨सह को पदभार संभाले सप्ताह बीतने को हो। ऐसे में लोगों को क्या समस्याएं आ रही है। यहीं देखने के लिए शुक्रवार को दैनिक जागरण टीम ने डीसी कार्यालय का दौरा कर स्थिति का जायजा लेते हुए फरियादियों से बात की। टीम के पहुंचते ही चपड़ासी ने कहा कि पहले पर्ची मिलेगी उसके बाद डीसी से मिलना होगा। फरियादियों के मुताबिक करीब एक घंटे से डीसी के इंतजार में बैठे हैं लेकिन अभी तक उनके आने की कोई सूचना नहीं है। सवा एक बजे तक डीसी विनय प्रताप ¨सह नहीं पहुंचे। जानकारी जुटाने पर मालूम हुआ कि डीसी मी¨टग में है। मी¨टग खत्म होने के बाद लोगों की समस्याएं सुनेंगे। लोगों ने बताया कि प्रत्येक शुक्रवार को डीसी गन लाइसेंस संबंधित समस्याएं सुनते हैं। यही सोचकर आए थे लेकिन इंतजार करने के बावजूद डीसी नहीं मिले निराश होकर वापस लौटना पड़ेगा।
जागरण संवाददाता, करनाल : समय सुबह साढ़े 11 बजे, दिन शुक्रवार, डीसी कार्यालय। डीसी विनय प्रताप ¨सह को पदभार संभाले सप्ताह बीतने को हो। ऐसे में लोगों को क्या समस्याएं आ रही है। यहीं देखने के लिए शुक्रवार को दैनिक जागरण टीम ने डीसी कार्यालय का दौरा कर स्थिति का जायजा लेते हुए फरियादियों से बात की। टीम के पहुंचते ही चपड़ासी ने कहा कि पहले पर्ची मिलेगी, उसके बाद डीसी से मिलना होगा। फरियादियों के मुताबिक करीब एक घंटे से डीसी के इंतजार में बैठे हैं, लेकिन अभी तक उनके आने की कोई सूचना नहीं है। सवा एक बजे तक डीसी विनय प्रताप ¨सह नहीं पहुंचे। जानकारी जुटाने पर मालूम हुआ कि डीसी मी¨टग में है। मी¨टग खत्म होने के बाद लोगों की समस्याएं सुनेंगे। लोगों ने बताया कि प्रत्येक शुक्रवार को डीसी गन लाइसेंस संबंधित समस्याएं सुनते हैं। यही सोचकर आए थे, लेकिन इंतजार करने के बावजूद डीसी नहीं मिले, निराश होकर वापस लौटना पड़ेगा।
अधिकारी नहीं गंभीर
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जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पिछले दो माह से अधिकारियों के चक्कर काटकर थक गया हूं। जानकार ने बताया था कि डीसी से मिल लो, शायद काम हो जाए। सुबह साढ़े 10 बजे से बैठा हूं, लेकिन अभी तक डीसी नहीं आया। संबंधित अधिकारी यदि अपनी जिम्मेदारी समझें तो यहां आना ही नहीं पड़ता। अधिकारियों को लोगों की समस्याओं से कुछ लेना देना नहीं है।
देसराज, सुल्तानपुर। पेंशन के लिए खा रहे धक्के
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पेंशन के फार्म भरे दो माह बीच चुके है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। अधिकारी बोलते है। अभी चार माह और लगेंगे, इसके बाद काम होगा। रोज दिहाड़ी तोड़कर यहां पहुंचते है, लेकिन काम फिर भी नहीं होता। इसी संबंध में डीसी से मिलने आया था, कि शायद कोई हल निकले। लेकिन डीसी नहीं पहुंचे।
सुभाष, सुल्तानपुर। आरटीआइ के जवाब में कोरे कागज
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3 दिसंबर को ग्राम पंचायत गंगार से आरटीआइ के माध्यम से सूचना मांगी थी, लेकिन सरपंच ने उसे अधूरी जानकारी देकर उसे गुमराह कर दिया। उसने फिर से सूचना मांगी तो उसे कोरे कागज थमा दिए गए। उसे शक है कि गांव के विकास कार्यों में सरपंच ने धोखाधड़ी कर लोगों के साथ धोखा किया है। इसी समस्या को लेकर डीसी से मिलने आया था, लेकिन बैरंग लौटना पड़ रहा है।
घनश्याम ¨सह राणा, गांगार। आर्थिक मदद के गुहार
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आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण बेटे का इलाज कराने में सक्षम नहीं हूं। बेटे के इलाज के लिए कुछ आर्थिक मदद मिल जाती।यह सोचकर डीसी से मिलना आया था, लेकिन लगता है कि डीसी आज नहीं आएंगे। उन्होंने डीसी से गुहार लगाई कि उसका पीला या गुलाबी राशन कार्ड बनाया जाएं, ताकि वह सरकार की तरफ से मिलने वाली आर्थिक सहायता से बेटे का इलाज करवा सके।
महेंद्र, पुंडरक। इंतजार के बाद हल नहीं
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हथियार के लाइसेंस की फाइल लगवाई हुई है, उसके अप्रूवल के लिए डीसी से मिलने आया हूं, काफी देर बैठने के बाद अब कह दिया गया कि पहले पर्ची बनेगी। उसके बाद ही डीसी से मुलाकात हो पाएगी। लेकिन मुझे नहीं लगता कि डीसी अब आएंगे। एक घंटे के करीब तो मुझे हो गया यहां बैठकर इंतजार करते हुए।
रणधीर ¨सह, खेड़ी सैफीन। लाइसेंस ट्रांसफर करवाना था
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उम्र ज्यादा होने के कारण कम सुनाई देता है। अब सोचा कि अपना हथियार का लाइसेंस बेटे के नाम करवा दूं। यहीं सोचकर आया था, लेकिन डीसी नहीं मिले। अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए कि फरियादी उनका इंतजार कर रहे है। अधिकारी को लोगों की समस्याओं प्राथमिकता के आधार पर सुलझानी चाहिए।
करनैल ¨सह, सेक्टर-32। पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई
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6 दिसंबर को खेत से काम करके वापस लौट रहा था। इस दौरान गांव बीड़ बड़ालवा निवासी जसबीर ¨सह ने उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गया। इस संबंध में मामला भी दर्ज है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से परेशान हूं। मामले में कार्रवाई न होने के कारण डीसी से मिलने आया हूं।
अशोक कुमार, कोयर निवासी। नवजात को गोद लेना है
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माडल टाउन गुरुदारे के गेट से नवजात बच्ची मिली थी, जिसको उन्होंने अस्पताल में दाखिल करवा दिया था। उनकी इच्छा है कि बेटी को गोद ले। यही सोचकर डीसी से मिलने आया हूं। उन्होंने कहा कि बेटी तो बचा ली अब उसको पढ़ाने की बारी है। तभी मन को शांति मिलेगी।
नरेंद्र ¨सह, माडल टाउन।