दुकानों के नाम पर बिक रही बिना सीएलयू के गिरवी फैक्ट्री
0 थर्ड पार्टी कर रही जमीन का बयाना, पहली किश्त के तौर पर ऐंठ लिए पांच करोड़ रुपए 0 एस
0 थर्ड पार्टी कर रही जमीन का बयाना, पहली किश्त के तौर पर ऐंठ लिए पांच करोड़ रुपए
0 एसपी को दी शिकायत, मामला दर्ज करने की मांग की जागरण संवाददाता करनाल
नए बने अड्डे के सामने बंद पड़ी फैक्टरी को बिना सीएलयू कराए दुकानों के नाम पर बेचा जा रहा है। इस काम में भूमाफिया ने अपने एजेंटों को लगा रखा है। जो खरीदार के साथ बयाना कर रहे हैं। इतना ही नहीं यह फैक्ट्री पंजाब नेशनल बैंक के पास गिरवी है। इसलिए जब तक बैंक का कर्ज नहीं चुकता होगा, तब तक जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो सकती। ऐसे में जो प्रापर्टी बैंक के पास आड रहन है, उसका बयाना नहीं हो सकता। इसके चलते यूथ फॉर चेंज के अध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल ने एसपी से मांग की है कि इस मसले की जांच की जाए। एडवोकेट राकेश ने बताया कि बस अड्डे बनने से यह क्षेत्र रातोंरात बड़ा कर्मशियल सेंटर बन गया है। इसका फायदा लैंड माफिया उठाने की कोशिश कर रहा है। वह सीधे साधे लोगों को सस्ती दुकानों के नाम पर ठगी कर रहा है। इस फैक्टरी में 290 दुकान काटी जा रही है। सामने की दुकान जो कि सड़क के साथ लगती है, इसका रेट एक लाख रुपये गज रखा है। पांच किश्तों में पैसे लिए जा रहे हैं। पहली किश्त के बयाने के समय, बाकी की किश्त हर माह लेने की बात बोली जा रही है। अभी तक पांच करोड़ रुपए बयाने के तौर पर ले चुके हैं। एसपी सुरेंद्र ¨सह भौरिया ने बताया कि अभी शिकायत तो नहीं मिली। लेकिन किसी को भी गलत काम करने की इजाजत नहीं है। यदि कोई इस तरह की ठगी कर रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। इसलिए ठगी का अंदेशा: क्योंकि जमीन के वास्तविक मालिक बयाना नहीं करा रहे हैं। ऐसे में थर्ड पार्टी बयाना कानूनी तौर पर मायने नहीं रखता। जमीन भी बैंक के पास रहन है, ऐसे में इस जमीन की मलकियत बैंक के पास है। इसकी सीएलयू भी नहीं है, ऐसे में यहां शा¨पग सेंटर अवैध माना जाएगा। पैसा क्योंकि नकद लिया जा रहा है, इसलिए विवाद की स्थिति में पैसा देने वाले यह साबित ही नहीं कर पाएंगे कि उन्होंने पैसा दिया।
दुकान खरीदने से पहले देखे पूरे दस्तावेज
प्रॉपर्टी सलाहकार और रेवेन्यू के लिगल एक्सपर्ट एडवोकेट हरबंस ¨सह ने बताया कि प्रापर्टी खरीदते वक्त ब्याना नगद के बजाय कैश लैस लेनदेन करना चाहिए। जमीन का सीएलयू देखना चाहिए। टाउन एंड कंट्री प्ला¨नग के अधिकारियों से जमीन का स्टेट्स पता करना चाहिए। तहसील से यह जांच कर लेनी चाहिए कि जमीन पर कोई लोन तो नहीं है। यह भी पता करना चाहिए कि जो व्यक्ति ब्याना कर रहा है क्या वह जमीन का वास्तविक मालिक है या नहीं। अवैध जगह दुकान बनाने में फंसने के चांस है, क्योंकि लैंड माफिया तो पैसा लेकर निकल जाएगा। फंस जाएंगे वहां दुकान खरीदने वाले।