स्वच्छता बनाए रखने को एनजीटी के नियम करने होंगे फॉलो : डीएस ढेसी
स्वच्छता एक अहम मुद्दा है। सरकार भी इसे गंभीरता से ले रही है। स्वच्छता बनाए रखने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से सोलिड वेस्ट प्लास्टिक वेस्ट बायोमेडिकल वेस्ट ई-वेस्ट तथा कंस्ट्रक्शन व डेमोलिशन वेस्ट के प्रबंधन के लिए जो नियम बनाए गए हैं। उनका सफल तरीके से क्रियान्वयन करना है। इसी संदर्भ में कुछ जिले और कस्बों को एनजीटी की ओर से एक्शन प्लान तैयार करने और 6 महीने के अंदर-अंदर उनकी अनुपालना की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।
जागरण संवाददाता, करनाल : स्वच्छता एक अहम मुद्दा है। सरकार भी इसे गंभीरता से ले रही है। स्वच्छता बनाए रखने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से सोलिड वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट, बायोमेडिकल वेस्ट, ई-वेस्ट तथा कंस्ट्रक्शन व डेमोलिशन वेस्ट के प्रबंधन के लिए जो नियम बनाए गए हैं। उनका सफल तरीके से क्रियान्वयन करना है। इसी संदर्भ में कुछ जिले और कस्बों को एनजीटी की ओर से एक्शन प्लान तैयार करने और 6 महीने के अंदर-अंदर उनकी अनुपालना की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। यह बातें हरियाणा के मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने कही।
वे वीरवार को सेक्टर-8 स्थित जिमखाना क्लब में सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल और उनके क्रियान्वयन को लेकर आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में अधिकारियों से बातचीत कर रहे थे। इस कार्यक्रम में शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण, करनाल मंडल आयुक्त विनीत गर्ग, स्थानीय निकाय हरियाणा के महानिदेशक समीर पाल सरों सहित 11 जिलों के डीसी व नगर निगम आयुक्त कार्यशाला में उपस्थित रहे। वेस्ट निस्तारण की रिपोर्ट 15 से 30 दिन तक हर हाल में सरकार को भेजें
शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण ने कहा कि विभिन्न न्यायालयों व एनजीटी द्वारा सोलिड वेस्ट, प्लास्टिक, बायोमेडिकल, ई-वेस्ट तथा सीएनडी वेस्ट रूल-2016 को लेकर समय-समय पर समीक्षा की जाती है। जिलों के डीसी व स्थानीय निकाय अधिकारियों को इस कार्य को प्रभावशाली तरीके से करने के लिए दायित्व सौंपा गया है। सभी डीसी इसकी रिपोर्ट एक पखवाड़े से मास में सरकार को भेजेंगे। जिन नगर परिषद व नगर पालिकाओं के पास संसाधनों के लिए धनराशि की कमी है, वे इसे सरकार से प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा भी ठोस प्रबंधन को लेकर सजग हो रहा है, डीसी व नगर निगम के आयुक्तों और नगर परिषद के अधिकारियों को इस बारे में कार्यशाला के माध्यम से अवगत कराया जा रहा है। पहली कार्यशाला बृहस्पतिवार को करनाल में की गई।
सीएनडी वेस्ट प्रबंधन के लिए जल्द करें साइट को चिह्नित
आनंद मोहन शरण ने निर्देश दिया कि सीएनडी यानि कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन वेस्ट के प्रबंधन के लिए जगह का चुनाव नहीं किया है, वे इसे जल्दी कर लें। उन्होंने कार्यशाला में प्रस्तुत एजेंडे में शामिल सभी 18 बिदुओं पर अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की। उनकी जरूरतें पूछी और सुझाव भी मांगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए लोगों के व्यवहार में बदलाव लाने के लिए जागरूकता जरूरी है।
कचरा प्रबंधन के तहत सोर्स सैग्रीगेशन बेहद जरूरी
स्थानीय निकाय विभाग के महानिदेशक समीर पाल सरों ने कहा कि सोलिड वेस्ट के लिए बनाए गए डंप स्टेशनों पर कम्पोस्ट पिट और इनके निकट ड्राई वेस्ट व उसके रिसाइकिल के लिए जगह की पहचान कर लें। उन्होंने कहा कि कचरा प्रबंधन के तहत सोर्स सैग्रीगेशन यानि घर से ही अलग-अलग कूड़ा एकत्रीकरण सबसे महत्वपूर्ण है। सभी जिलों में इसे शत प्रतिशत रूप से क्रियान्वित करें तथा अपनी मासिक रिपोर्ट में सरकार को इसकी जानकारी दें।
उन्होंने कहा कि इस तरह की कारगुजारी पर निगरानी के लिए डीसी संबंधित सीटीएम को नोडल अधिकारी बनाएं। प्रत्येक उपायुक्त हर दो सप्ताह में कम से कम एक बार वेस्ट मैनेजमेंट रूल के क्रियान्वयन पर संबंधित अधिकारियों की मीटिग अवश्य लें।
वेस्ट प्रबंधन को लेकर जिलास्तर पर बने कमेटी
समीर पाल सरों ने कहा कि वेस्ट प्रबंधन को लेकर जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया जाए और उसकी 15 दिन में एक मीटिग अवश्य बुलाएं, जिसमें डीसी, निगम आयुक्त व एजेंसी के प्रतिनिधि शामिल हों। उन्होंने कहा कि बैंक्वेट हॉल व धार्मिक स्थानों पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के बाद अकसर खुले में कचरा फेंका जाता है, इसकी रोकथाम के लिए उन्हें जागरूक करें। उन्होंने पोलिथिन बैन करने वाले जिलों को भी सम्मानित करने का प्रस्ताव रखा। ये जिले हुए कार्यशाला में शामिल
बैठक में करनाल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, कैथल, पानीपत, अंबाला, पंचकूला, भिवानी, सोनीपत, गुरुग्राम और पलवल जिले शामिल हुए। अन्य जिलों की बैठक 6 अप्रैल को कुरुक्षेत्र में आयोजित की जाएगी।