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निगम में ड्रा का ड्रामा, नतीजा सिफर

जागरण संवाददाता, करनाल निगम चुनाव से ठीक पहले यह कैसी सियासत है। कौन है इसके पीछे? यह साफ होने में तो वक्त लगेगा। लेकिन इतना तय है कि कुछ न कुछ सियासी दांव पेच तो चल रहा है। अब देखिए, शुक्रवार को निगम चुनाव के लिए वार्ड आरक्षित किए जाने थे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 01:42 AM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 01:42 AM (IST)
निगम में ड्रा का ड्रामा, नतीजा सिफर
निगम में ड्रा का ड्रामा, नतीजा सिफर

जागरण संवाददाता, करनाल

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निगम चुनाव से ठीक पहले यह कैसी सियासत है। कौन है इसके पीछे? यह साफ होने में तो वक्त लगेगा। लेकिन इतना तय है कि कुछ न कुछ सियासी दांव पेच तो चल रहा है। अब देखिए, शुक्रवार को निगम चुनाव के लिए वार्ड आरक्षित किए जाने थे। एडीसी निशांत यादव की अध्यक्षता में यह कार्यक्रम होना था। इसके लिए नौ सदस्यों की कमेटी बनाई। ड्रा का समय शाम पांच बजे रखा गया। शहर और प्रशासन के 50 लोग भी पहुंचे। लेकिन कमेटी के नौ सदस्यों में से मात्र दो सदस्य पहुंचे। एक सदस्य गजे ¨सह, दूसरे निगम कमिश्नर के प्रतिनिधि के तौर पर ईओ धीरज कुमार पहुंचे। अब क्योंकि कोरम पूरा नहीं हुआ, इसलिए सवा घंटे के बाद बैठक स्थगित कर दी गई। कमेटी में जनप्रतिनिधि के तौर पर शामिल सदस्य भाजपा की पृष्ठभूमि से हैं। इस पर विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों ने एतराज जताया। कहा कि सरकार मनमानी कर रही है। आरोप लगाया कि ड्रा अपनी मर्जी से निकाले जाने का पूरा प्रयास सरकार की ओर से किया जा रहा है। ये था तय कार्यक्रम

प्रशासन की ओर से शुक्रवार को विकास सदन में नगर निगम के चुनाव के लिए आरक्षित होने वाले वार्डो का ड्रा निकालने के लिए नौ सदस्यीय कमेटी की बैठक बुलाई थी। ड्रा के माध्यम से चार वार्ड एससी श्रेणी, दो वार्ड बीसी श्रेणी, पांच वार्ड सामान्य श्रेणी की महिलाओं, दो वार्ड एससी श्रेणी की महिलाओं के लिए आरक्षित होने हैं। ये हैं कमेटी के सदस्य

इसके अलावा कमेटी की सदस्य पूर्व मेयर रेनू बाला गुप्ता, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक सुखीजा, पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर कृष्ण गर्ग, पूर्व पार्षद नरेंद्र पंडित, पूर्व पार्षद सुजाता अरोड़ा, पूर्व पार्षद डिपंल रानी कमेटी के सदस्य हैं।

ड्रा टालने की स्क्रिप्ट तो तय थी

यह तो सभी ने देखा कि लेकिन पर्दे के पीछे सियासी खेल चल रहा था। कमेटी के जो नौ सदस्य बनाए गए। उनका बैठक से अनुपस्थित रहना तय था। तभी तो निश्चित समय पर वह आए ही नहीं। निवर्तमान पार्षद विनोद तितोरिया ने आरोप लगाया कि प्रशासन भाजपा का साथ दे रहा है। प्रशासन सरकार के हाथों में खेल रहा है। उन्हें पता है कि निगम चुनाव में हार होने वाली है। इसलिए चुनाव टालने की कोशिश हो रही है। निर्वतमान डिप्टी मेयर मनोज वधवा ने कहा कि सरकार पारदर्शिता से काम नहीं कर रही है। आखिर क्यों ऐन मौके क्यों कमेटी के सदस्य नहीं आए। यह संयोग नहीं साजिश है। मौके पर मौजूद एडीसी ने कहा कि ड्रा में पारदर्शिता बरती जाएगी। लगे हाथ उन्होंने भी बताया कि ड्रा के वक्त प्रशासन और कमेटी के सदस्य ही मौजूद रहेंगे। अगली तारीख तक तय नहीं

विपक्ष का आरोप है कि अगले ड्रा की तारीख क्यों घोषित नहीं हो रही है। प्रशासन अपने स्तर पर क्यों निर्णय नहीं ले रहा। आरोप है कि निगम के मौजूदा सदन का कार्यकाल पूरा हो गया है। इसलिए चुनाव जल्द से जल्द होने चाहिए। शहर के लोगों की बहुत सी समस्याएं हैं। इसके साथ ही विकास का काम भी ठप हो गया है। कमेटी सदस्य बोले, हमें तो पता ही नहीं था पहुंचना जरूरी भी है

फोटो---49 नंबर है।

कल आकर बात करेंगे : आयुक्त

नगर निगम के आयुक्त राजीव मेहता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह शहर से बाहर हैं। कल आकर बात करेंगे। फोटो---50 नंबर है।

भाजपा कार्यसमिति की बैठक में थी : मेयर

करनाल: पूर्व मेयर रेनू बाला गुप्ता ने कहा कि वह भाजपा प्रदेश कार्य समिति की सदस्य होने के नाते शुक्रवार को रोहतक में आयोजित पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में गई थी। इस वजह से ड्रा की बैठक में नहीं पहुंच पाई। फोटो----57 नंबर है।

बैठक में नहीं जाना बड़ी बात नहीं : गर्ग

करनाल: पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर कृष्ण गर्ग ने कहा कि बैठक में नहीं जाना कोई बड़ी बात नहीं है। वह अन्य कामों में व्यस्त थे तो बैठक में जाना जरूरी नहीं समझा। यदि उन्हें पहले से पता होता कि इस बैठक में उनकी उपस्थिति इतनी जरूरी है तो वह जरूर जाते। अनुपस्थिति में निकाला जा सकता था ड्रा : ¨डपल

करनाल: पूर्व पार्षद ¨डपल रानी ने कहा कि ड्रा ही तो निकलना था, उसे उनकी अनुपस्थिति में निकाला जा सकता था। उन्हें यह जानकारी नहीं दी गई कि उनका आना आवश्यक है। मैं शहर से बाहर था : नरेंद्र पंडित

करनाल: पूर्व पार्षद नरेंद्र पंडित ने कहा कि वह किसी जरूरी काम से शहर से बाहर चले गए थे। ड्रा निकालने के बाद उनके हस्ताक्षर लिए जा सकते थे। ड्रा तो निकाला जा सकता था।


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