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निगाहों से निगाहें मिलाकर तो देखो, हमें अपने दिल में बसा कर तो देखो

करनाल क्लब में कारवान ए अदब की महफिल सजी। जिसमें करनाल तथा आसपास से पधारे कवियों शायरों तथा सहित्यकारों ने शिरकत की। महफिल के आगाज से पहले सभी ने राष्ट्रगान गाकर देश में आपसी भाईचारा कायम होने तथा सुख-समृद्धि की कामना की।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 09:04 AM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 09:04 AM (IST)
निगाहों से निगाहें मिलाकर तो देखो, हमें अपने दिल में बसा कर तो देखो
निगाहों से निगाहें मिलाकर तो देखो, हमें अपने दिल में बसा कर तो देखो

जागरण संवाददाता, करनाल : करनाल क्लब में कारवान ए अदब की महफिल सजी। जिसमें करनाल तथा आसपास से पधारे कवियों, शायरों तथा सहित्यकारों ने शिरकत की। महफिल के आगाज से पहले सभी ने राष्ट्रगान गाकर देश में आपसी भाईचारा कायम होने तथा सुख-समृद्धि की कामना की। सभी ने प्रधान कारवाने अदब डा. एसके शर्मा के छोटे भाई डॉ. कृष्ण कुमार शर्मा रिटायर्ड आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी के आकस्मिक निधन पर मौन रखकर प्रभु से प्रार्थना की। महफिल की अध्यक्षता कवि साबिर खान ने की तथा विशिष्ट अतिथि कवियत्री शशि शर्मा रही। मंच संचालन कवि भारत भूषण वर्मा ने किया।

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महफिल की शुरुआत डॉ. एसके शर्मा ने निगाहों से निगाहें मिलाकर तो देखो, हमें अपने दिल में बसा कर तो देखो, सिमट जाएंगे तुम्हारे आगोश में, प्यार से बांहें फैलाकर तो देखो।

अंजु शर्मा ने हमसे इबादतों में कमी रह गई अगर, मो. साबिर खान ने आपस में किसी बात पर लड़ सकते हैं हम लोग. शशी शर्मा ने छत पे सोए बरसों बीते तारों से मुलाकात किए. कवि भारत भूषण वर्मा ने माना कि कुछ कम मिला, मगर सब्र है मन में, क्योंकि सच को उतारा है मैंने जीवन में . महावीर शास्त्री ने हर तरफ तनाव है, लगता है कि चुनाव है कविता सुनाई।


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