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डेरी सेक्टर में रोजगार की अपार संभावनाएं : डॉ. आरएस सोढी

राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान डॉ. एनएन दस्तूर स्मारक व्याख्यान पुरस्कार गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिग फेडरेशन लिमिटेड (अमूल) आनंद गुजरात के प्रबंध निदेशक डॉ. आरएस सोढी को प्रदान किया गया। उन्होंने डेरी के क्षेत्र में डॉ. दस्तूर के योगदान को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Mar 2019 09:22 AM (IST)Updated: Fri, 15 Mar 2019 09:22 AM (IST)
डेरी सेक्टर में रोजगार की अपार संभावनाएं : डॉ. आरएस सोढी
डेरी सेक्टर में रोजगार की अपार संभावनाएं : डॉ. आरएस सोढी

जागरण संवाददाता, करनाल : राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान डॉ. एनएन दस्तूर स्मारक व्याख्यान पुरस्कार गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिग फेडरेशन लिमिटेड (अमूल) आनंद गुजरात के प्रबंध निदेशक डॉ. आरएस सोढी को प्रदान किया गया। उन्होंने डेरी के क्षेत्र में डॉ. दस्तूर के योगदान को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

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डॉ. आरएस सोढी ने डेरी क्षेत्र की संभावनाओं एवं चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश में इस समय करीब सात लाख करोड़ रुपये का डेरी का व्यवसाय होता है। कृषि फसलों की बात की जाए तो देश में फसलों से ज्यादा डेरी व्यवसाय किया जाता है। इस समय देश में डेरी का एक तिहाई सेक्टर संगठित है तथा दो तिहाई सेक्टर असंगठित है। इसलिए संगठित क्षेत्र में दूध को ओर अधिक लाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि पशुपालन एक ऐसा क्षेत्र है, जो किसानों की आय दोगुणी करने में समक्ष है। इस क्षेत्र में रोजगार की भी अपार संभावनाएं है। डॉ. सोढी ने डेरी क्षेत्र की चुनौतियों पर कहा कि इस क्षेत्र में मिलावट, पशुओं की लॉ प्रोडक्टिटी ऑफ मिल्क प्रोडक्शन, पशुओं के लिए चारे की कमी, दूसरे देशों के साथ निश्शुल्क व्यापार समझौता न होना, हाई जीएसटभ्रेट तथा दूध व्यवसाय में आयकर की छूट न होना सहित कई चुनौतियां हैं।

उन्होंने कहा कि इस समय देश में करीब 9 करोड़ लीटर दूध का प्रबंधन किया जा रहा है और वर्ष 2030 तक यह 30 करोड़ लीटर होने की संभावना है।

उन्होंने दावा किया कि अगर एक लाख लीटर दूध संगठित क्षेत्र में आता है तो इससे करीब 6 हजार नौकरियां पैदा होती हैं। डॉ. सोढी ने कहा कि अमूल का सबसे ज्यादा निवेश हरियाणा प्रदेश में हो रहा है। आने वाले दो वर्षो में दूध के दाम बढ़ने की संभावना है, जिससे किसानों को बहुत फायदा मिलेगा।

एनडीआरआइ के निदेशक डॉ. आरआरबी सिंह ने संस्थान के पूर्व निदेशक डा. दस्तूर को श्रद्धांजलि दी और कहा उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने माननीय वक्ता (डॉ. बीएन माथुर) का प्रशस्ति पत्र पढ़ कर सुनाया तथा उनको डॉ. एनएन दस्तूर स्मारक व्याख्यान पुरस्कार प्रदान किया।

शिक्षा समन्वक, डॉ. एसके तोमर ने कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी वैज्ञानिकों, स्टाफ व विद्यार्थियों का धन्यवाद किया। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक अनुसंधान डॉ. लता सबीखी उपस्थित रहे।


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