पड़ोसी को भी फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जागरूक करें किसान : डॉ. आरआरबी सिंह
राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से आइसीएसआर कृषि तकनीकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान जोन-2 जोधपुर के सौजन्य से फसल अवशेष प्रबंधन पर स्टेक होल्डर्स मीट का आयोजन किया गया। इसमें हरियाणा एवं दिल्ली के करीब 125 किसानों ने भाग लिया।
जागरण संवाददाता, करनाल : राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से आइसीएसआर कृषि तकनीकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन-2, जोधपुर के सौजन्य से फसल अवशेष प्रबंधन पर स्टेक होल्डर्स मीट का आयोजन किया गया। इसमें हरियाणा एवं दिल्ली के करीब 125 किसानों ने भाग लिया। सेमिनार में वर्ष 2018-19 में अपने खेत में फसल अवशेष प्रबंधन पर विभिन्न मशीनों की प्रदर्शनी लगाई।
संस्थान के निदेशक, डॉ. आरआरबी सिंह ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने फसल अवशेष प्रबंधन पर प्रदर्शनी लगाने वाले किसानों से फीड बैक लिया। उन्होंने सभी किसानों से आह्वान किया कि अगले वर्ष पड़ोसी किसानों के भी फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर जागरूक करें। उन्होंने जल और मिट्टी की गुणवत्ता की भी जांच अवश्य कराएं और अनुसंधान संस्थान की सिफारिशों के अनुसार तकनीकी कारणों पर जोर दिया। इस कार्यक्रम का स्वागत डॉ. एमएस मीणा, प्रधान वैज्ञानिक, अटारी, जोधपुर ने किया एवं खेत में ही फसल अवशेष प्रबंधन पर हरियाणा एवं दिल्ली के कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा प्रदर्शित तकनीकों का विस्तृत ब्योरा दिया।
डॉ. एचएस जाट, प्रधान वैज्ञानिक सीएसएसआरआइ एवं डॉ. विजय अरोड़ा, प्रधान वैज्ञानिक, सीसीएस एचएयू, उचानी ने भी फसल अवशेष प्रबंधन पर विस्तार से सभी उत्तरदाताओं के लिए क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीक्लचर की ओर से युवाओं, महिलाओं में फार्मर सर्विस, कॉपरेटिव सर्विस विडो इनोवेटिव सिस्टम से जागरूकता पैदा करने पर जोर दिया।
इस अवसर पर गुरबाज सिंह, राजेश, हरप्रीत सिंह, ईश्वर सिंह तथा सरबजीत सिंह प्रगतिशील किसानों ने भी अपने अनुभव सांझा किए। डॉ. हरि नारायण मीणा, पीआइ ने वर्ष 2019-20 की कार्य योजना का ब्योरा दिया। डा. सुरेंद्र कुमार, प्रभारी कृषि विज्ञान केंद्र ने सभी का धन्यवाद किया।