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आज के युग में खाद्य सुरक्षा बहुत आवश्यक : डॉ. अशोक दलवई

केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान में 51वां स्वर्णजयंती स्थापना दिवस समारोह मनाया गया। इसमें राष्ट्रीय वर्षा सिचित क्षेत्र प्राधिकरण कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. अशोक दलवई ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। उन्होंने कहा कि आज के युग में खाद्य सुरक्षा बहुत आवश्यक है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Mar 2019 09:05 AM (IST)Updated: Wed, 20 Mar 2019 09:05 AM (IST)
आज के युग में खाद्य सुरक्षा बहुत आवश्यक : डॉ. अशोक दलवई
आज के युग में खाद्य सुरक्षा बहुत आवश्यक : डॉ. अशोक दलवई

जागरण संवाददाता, करनाल : केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान में 51वां स्वर्णजयंती स्थापना दिवस समारोह मनाया गया। इसमें राष्ट्रीय वर्षा सिचित क्षेत्र प्राधिकरण कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. अशोक दलवई ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। उन्होंने कहा कि आज के युग में खाद्य सुरक्षा बहुत आवश्यक है। कृषि में मृदा एवं जल दो महत्वपूर्ण घटक हैं। मृदा को माता कहा जाता है। ये दोनों एक दूसरे को प्रभावित करते हैं। हमें दोनों की देखभाल करने की जरूरत है। उन्होंने आह्वान किया कि वैज्ञानिकों, उद्यमियों व किसानों को मिल जुलकर मृदा एवं जल संरक्षण के प्रयास करने होंगे। उन्होंने बताया कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड के प्रयोग से लागत में 8.10 प्रतिशत की कमी तथा आमदनी में 5.8 प्रतिशत की वृद्धि होती है। मृदा के स्वास्थ्य तथा किसानों की जरूरत के अनुसार विज्ञान और नीतियों से मृदा के टिकाऊपन को प्राप्त किया जा सकता है। कृषि रसायनों के उचित प्रयोग से बायोमास में वृद्धि होती है। उन्होंने वैज्ञानिकों को आह्वान करते हुए कहा कि वह कड़ी मेहनत से शोध अनुसंधान पर कार्य करें।

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मृदा सुधार की गति संतोषजनक, लेकिन इसकी गति बढ़ाने की जरूरत : डॉ. गुरबचन सिंह

विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंचे कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल के अध्यक्ष डॉ. गुरबचन सिंह ने कहा कि मृदा सुधार की गति संतोषजनक है फिर भी इस गति को बढ़ाने की अत्यंत आवश्यकता है। समुद्र तटीय सामाजिक पर्यावरणीय मृदाओं में लवणता समस्याएं बढ़ रही हैं वहां पर विशेष नीतियां बनाने की जरूरत है। मृदा के स्वास्थ्य को बचाने के साथ-साथ रोकथाम के उपाय जरूरी है। छोटे व मंझले किसानों के लिए बहुधंधी कृषि प्रणाली से किसानों को आर्थिक रूप से लाभ होता है। इस से किसान को रोजाना आमदनी प्राप्त होती है व किसान आत्म निर्भर हो जाता है। इस अवसर उनको भारतीय कृदा एवं जल लवणता सोसायटी की ओर से डॉ. गुरबचन सिंह को सोसाइटी के संरक्षक पद से सम्मानित किया गया।

विशेष अतिथि पदमश्री कमल सिंह चौहान किसानों के स्थानीय ज्ञान तथा विज्ञान के सहयोग से प्राकृतिक संसाधनों के टिकाऊ प्रबंधन पर जोर दिया है। इस से पूर्व संस्थान के निदेशक डॉ. प्रबोध चंद्र शर्मा ने मुख्यातिथि अशोक दलवई, डॉ. गुरबचन सिंह, मंच व सभागार में उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान द्वारा प्राप्त की गई उपलब्धियों विस्तार से वर्णन करते हुए संस्थान की प्रौद्योगिकियों के बारे में बताया।

इन वैज्ञानिकों को किया गया पुरस्कृत

केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के डा. आरके यादव को वर्ष 2016 के लिये संस्थान के सर्वोत्कृष्ट वैज्ञानिक का पुरस्कार प्रदान किया गया। वर्ष 2017 के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के मृदा विज्ञान प्रभाग के अध्यक्ष डा. ओपी चौधरी तथा केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान, करनाल के डॉ. प्रवीण कुमार को संयुक्त रूप से पुरस्कार प्रदान किया। सोसायटी की ओर से डॉ. मधु चौधरी को युवा वैज्ञानिक अवॉर्ड प्रदान किया गया। वर्ष 2018 के संस्थान सर्वोत्तम कर्मचारी के पुरस्कार एचएम वर्मा, रणजीत सिंह तथा मुतर्जा खान पठान को प्रदान किए गए। इस अवसर पर लगभग 250 वैज्ञानिक, अधिकारियों व कर्मचारियों ने भाग लिया।


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