तनाव मुक्ति के लिए संवाद जरूरी : डॉ. एके ¨सह
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति करनाल के तत्वावधान में केंद्रीय विद्यालय में ¨हदी, अंग्रेजी एवं संस्कृत भाषा के अध्यापकों, फैकल्टी व राजभाषा अधिकारियों के लिए एक संयुक्त नगरस्तरीय अंतर कार्यालय राजभाषा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में शिक्षण को प्रभावी बनाने में शिक्षकों व भाषा का योगदान एवं विद्यार्थियों में बढ़ते हुए तनाव को कैसे कम किया जाए जैसे महत्वपूर्ण समसामयिक विषय पर प्रतिभागियों ने अपने विचार रखे।
जागरण संवाददाता, करनाल : नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति करनाल के तत्वावधान में केंद्रीय विद्यालय में ¨हदी, अंग्रेजी एवं संस्कृत भाषा के अध्यापकों, फैकल्टी व राजभाषा अधिकारियों के लिए एक संयुक्त नगरस्तरीय अंतर कार्यालय राजभाषा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में शिक्षण को प्रभावी बनाने में शिक्षकों व भाषा का योगदान एवं विद्यार्थियों में बढ़ते हुए तनाव को कैसे कम किया जाए जैसे महत्वपूर्ण समसामयिक विषय पर प्रतिभागियों ने अपने विचार रखे।
इन्होंने लिया भाग
संगोष्ठी में राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, इग्नू, सैनिक स्कूल, जवाहर नवोदय विद्यालय के फैकल्टी व शिक्षकों के अलावा ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, केनरा बैंक, पंजाब नैशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन बैंक, यूको बैंक के राजभाषा अधिकारियों ने भी भाग लिया। संगोष्ठी के दौरान स्कूल प्राचार्य राजकुमार ने बताया कि विद्यालय की ओर से छात्रों व कर्मचारियों के लिए समय समय पर हिंदी कार्यशालाओं व प्रतियोगिताओं आदि का आयोजन किया जाता है। उन्होंने कहा कि भाषा संवाद का औजार है और कड़ी प्रतिस्पद्र्धा के युग में विद्यार्थियों को अंग्रेजी के साथ-साथ ¨हदी भाषा का अच्छा ज्ञान होना भी जरूरी है।
¨हदी के प्रति सम्मान और स्वाभिमान पैदा करना चाहिए
विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान के डेरी अभियांत्रिकी प्रभाग के अध्यक्ष डॉ. एके ¨सह ने कहा कि शिक्षकों को विद्यार्थियों में अपनी मातृभाषा व राष्ट्रभाषा ¨हदी के प्रति सम्मान और स्वाभिमान की भावना पैदा करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि संयुक्त परिवार की अवधारणा खत्म होने से एकलपरिवार में पलने वाले छात्रों में तनाव ज्यादा बढ़ रहा है।
दयाल ¨सह कॉलेज के स्नातकोत्तर हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. रणधीर ¨सह ने कहा कि अभिभावकों को अपने बच्चों के कैरियर की प्ला¨नग उनकी रूचि व क्षमता के अनुसार कक्षा 10 से ही शुरू कर देनी चाहिए।