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राजीव गुप्ता हत्याकांड : आरोपित के खिलाफ प्रॉपर्टी के विवाद में अहम गवाह भी था डॉक्टर

डॉ. राजीव गुप्ता की हत्या के मामले में एक और नई जानकारी सामने आई है। हत्या आरोपित पवन दहिया का जमीन को लेकर कोर्ट में मामला चल रहा था।

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Jul 2019 10:02 AM (IST)Updated: Thu, 11 Jul 2019 10:02 AM (IST)
राजीव गुप्ता हत्याकांड : आरोपित के खिलाफ प्रॉपर्टी के विवाद में अहम गवाह भी था डॉक्टर
राजीव गुप्ता हत्याकांड : आरोपित के खिलाफ प्रॉपर्टी के विवाद में अहम गवाह भी था डॉक्टर

जागरण संवाददाता, करनाल : डॉ. राजीव गुप्ता की हत्या के मामले में एक और नई जानकारी सामने आई है। हत्या आरोपित पवन दहिया का जमीन को लेकर कोर्ट में मामला चल रहा था। इसमें डॉक्टर राजीव गुप्ता अहम गवाह थे। बताते हैं कि पवन ने डॉक्टर गुप्ता को इस केस में गवाही नहीं देने का दबाव बनाया था, लेकिन डॉक्टर गुप्ता उसके आगे नहीं झुके। इसी बात की पवन ने खुन्नस पाल ली थी। हालांकि पहले मौत की यही वजह मानी जा रही थी कि पवन को डॉक्टर ने नौकरी से हटाने के कारण मारा है।

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तो होता पवन को करोड़ों का नुकसान

पाढ़ा गांव निवासी पवन दहिया चौड़ा बाजार स्थित अमृतधारा अस्पताल में डायलिसिस ऑपरेटर था। यहीं उसकी मुलाकात एक युवती से हुई, जो अपनी मां का इलाज कराने के लिए आती थी। दोनों में प्रेम-प्रसंग हो गया। पवन पहले से शादीशुदा था, लेकिन इसके बाद भी उसने युवती से शादी कर ली। युवती के नाम उसकी मां ने 13 एकड़ में से कुछ जमीन नाम करा दी। बताया जा रहा है कि पवन ने शादी के बाद लड़की के नाम वाली जमीन छह करोड़ रुपये में बेच दी। इस बीच युवती की मां के वारिसों ने केस कर दिया कि जमीन का बंटवारा सही नहीं हुआ।

दूसरे पक्ष ने कोर्ट में बताया कि महिला की मानसिक हालत ठीक नहीं थी

जमीन के दूसरे वारिसों ने कोर्ट में बताया कि महिला की मानसिक व शारीरिक हालत ठीक नहीं है। बीमारी की हालत में उससे जमीन बेटी के नाम की, इसका बंटवारा सही नहीं हुआ। बंटवारा सही होना चाहिए। चूंकि महिला की बीमारी का इलाज डॉ. गुप्ता कर रहे थे तो वारिसों ने डॉक्टर गुप्ता को गवाह के तौर पर रख लिया। बताया जा रहा है कि पवन को डर था कि यदि डॉक्टर ने गवाही दे दी तो उसका पक्ष कमजोर पड़ सकता है। इसलिए उसने डॉक्टर पर दबाव बनाया कि गवाही ना दे, लेकिन डॉक्टर इसके लिए तैयार नहीं थे।

इस पहलू पर भी जांच कर रहे हैं : एसपी

पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र सिंह भौरिया से पूछा गया कि क्या डॉ. गुप्ता पवन दहिया के जमीन संबंधित किसी केस गवाह थे तो उन्होंने कहा कि पवन ने करीब 10 साल तक उनके पास नौकरी की है। ऐसा हो भी सकता है। उन्होंने कहा कि जरीफा फार्मा के पीछे जमीन बेचने के मामले को लेकर कागजों की वेरीफिकेशन की जा रही है। पवन को सात दिन के रिमांड पर लिया हुआ है। रिमांड अवधि के दौरान हर पहलू पर जांच की जा रही है। इस पहलू पर भी गौर किया जा रहा है।


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