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पुलिस शुरुआत में ही मामले को गंभीरता से लेती तो बच सकते थे डॉक्टर राजीव गुप्ता

पुलिस मामले को यदि गंभीरता से लेती डॉक्टर राजीव गुप्ता की जान बच सकती थी। ऐसी कई छोटी-छोटी घटनाएं हुई जिससे आरोपितों के इरादे साफ जाहिर हो रहे थे। फिर भी पुलिस ने कोई ध्यान नहीं दिया। पवन के साढू् बाघ सिंह ने बताया कि उन्हें लगातार धमकाया जा रहा था।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Jul 2019 09:07 AM (IST)Updated: Sat, 13 Jul 2019 09:07 AM (IST)
पुलिस शुरुआत में ही मामले को गंभीरता से लेती तो बच सकते थे डॉक्टर राजीव गुप्ता
पुलिस शुरुआत में ही मामले को गंभीरता से लेती तो बच सकते थे डॉक्टर राजीव गुप्ता

अश्विनी शर्मा, करनाल

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पुलिस मामले को यदि गंभीरता से लेती डॉक्टर राजीव गुप्ता की जान बच सकती थी। ऐसी कई छोटी-छोटी घटनाएं हुई, जिससे आरोपितों के इरादे साफ जाहिर हो रहे थे। फिर भी पुलिस ने कोई ध्यान नहीं दिया। पवन के साढू् बाघ सिंह ने बताया कि उन्हें लगातार धमकाया जा रहा था। डॉक्टर को भी देख लेने की धमकी दी जा रही थी। तब बाघ सिंह ने पुलिस को इस संबंध में जानकारी दी थी। हालांकि तब भी डॉक्टर ने आरोपित की धमकी को हलके में लिया।

यूं फेल रही पुलिस हालात भांपने में

1.आरोपित लगातार धमका रहा था

इस तरह के मामलों में पुलिस का रवैया बहुत ही सामान्य रहता है। धमकी को पुलिस गंभीरता से लेती ही नहीं है। यह जानने की भी कोशिश नहीं की गई कि धमकी देने वाले की मंशा क्या है? वह कोरी धमकी दे रहा है, या फिर उसका इरादा कुछ और है।

2. जमीन विवाद गंभीर होता जा रहा था

आरोपित पवन और उसकी दूसरी पत्नी के मायके वालों के साथ जमीन का विवाद गंभीर होता जा रहा था। पवन के लिए केस मुश्किल होता जा रहा था। उसे लगने लगा था कि वह केस हार सकता है। इसलिए वह कोई भी कदम उठा सकता था। इस और किसी ने ध्यान नहीं दिया।

3. पुलिस का खुफिया तंत्र फेल

पवन लगातार सोशल मीडिया पर हथियारों की फोटो अपलोड कर रहा था। कुछ गैंगस्टर भी ऐसा ही करते हैं। इसके पीछे उनकी कोशिश यहीं रहती है कि अपना दबदबा बनाया जाए। यानी कहीं न कहीं पवन की गतिविधियां संदिग्ध थी। फिर भी पुलिस का खुफिया तंत्र इसे पकड़ नहीं पाया।

तब मेरी कौन सुनता

बाघ सिंह ने बताया कि शुरुआत में मुझे लगा कि वह डराने के लिए धमकी दे रहा है। पवन के पास पैसा भी था और ताकत भी। हमें तो यही लगता था कि हम अकेले हैं। एक और तो हमारी जमीन चली गई। हमें धमकाया जा रहा था। ऐसे में हम कर भी क्या सकते थे। डॉक्टर राजीव भी समझ नहीं सके हालात

इधर, डॉक्टर राजीव गुप्ता इसलिए पीछे नहीं हटे कि वह हर हालत में सच का साथ देंगे। इसके लिए उन्हें चाहे कितना भी जोखिम क्यों न उठाना पड़े। यहीं वजह रही कि जब भी उनसे पवन गवाही न देने की बात करता तो वह हर बार इंकार कर देते थे। अब पुलिस कर रही बाघ सिंह से पूछताछ

दूसरी ओर मामले की जांच कर रही पुलिस अब बाघ सिंह से पूछताछ कर रही है। उससे केस से जुड़े सारे कागजात मंगवाए गए हैं। प्रापर्टी विवाद क्या है, इससे पवन को कितना नुकसान हो सकता था। इस बारे में अब जांच टीम काम कर रही है।


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