व्यायामशाला में बिना पानी के लगा दिए हजारों पाम के पौधे, अब सूखने के कगार पर
एडीसी निशांत यादव ने कहा, पाम का पौधा करनाल के वातावरण के अनुकूल नहीं, व्यायामशालाओं
एडीसी निशांत यादव ने कहा, पाम का पौधा करनाल के वातावरण के अनुकूल नहीं, व्यायामशालाओं में ऐसे महंगे पौधे क्यों लगवाए गए इसकी कराई जाएगी जांच संवाद सहयोगी, घरौंडा
गांवों में बनी व्यायामशालाओं में हरियाली के नाम पर लाखों रुपये पानी की तरह बहा दिए। डार्क जोन होने के बावजूद ग्राम पंचायतों ने महंगे पाम के पेड़ और सजावटी पौधों को लगाने में दिलचस्पी दिखाई। क्षेत्र के छह गांवों में बनी व्यायामशालाओं में 20 हजार से अधिक ऐसे पेड़ पौधे लगाए, जिन्हें प्रदेश के वन विभाग से न खरीदकर प्राइवेट नर्सरियों से खरीदा गया। अब इन सजावटी पेड़-पौधों के पालने में ग्राम पंचायतों के पसीने छूट रहे हैं। देखरेख के आभाव में कई व्यायामशालाओं में लगे पौधे सूखने लगे हैं। पेड़-पौधों पर हुए भारी भरकम खर्च के बाद खरीद प्रक्रिया भी सवालों के घेरे में आ गई है।
ग्रामीण आंचल के लोगों और युवाओं को तंदरुस्त रखने के लिए प्रदेश भर में व्यायामशालाएं बनाई हैं। उद्घाटन की जल्दबाजी में इसें तैयार किया गया। इस जल्दबाजी में घरौंडा खंड के गांव रसीन, कल्हेड़ी, जमालपुर, पनौड़ी, चौरा व कालरों में व्यायामशालाओं का निर्माण हुआ है। इन व्यायामशालाओं को हरा-भरा बनाने के लिए विभाग और ग्राम पंचायतों ने हरियाली के नाम पर खूब पैसा खर्च किया। व्यायामशालाओं में महंगे सजावटी पौधे और अंग्रेजी घास पर लगाने की एवज में लाखों रुपये के बिल बने हैं। प्रत्येक व्यायामशाला में लगे पेड़-पौधों और अंग्रेजी घास का बिल ढाई से तीन लाख है। पेड़-पौधों का चयन भी क्षेत्र जलस्तर व वातावरण के अनुसार नहीं किया गया। गिरते भूजल स्तर को नजर अंदाज करते हुए अधिकारियों व सरपंचों ने बड़ी संख्या में पाम के पेड़ लगवाए, जिन्हें बहुतायत में पानी की जरुरत होती है। हजारों की संख्या में लगाए गए पाम के पेड़ों को सींचने के लिए रोजाना बहुत अधिक पानी की आवश्यकता होगी। फिलहाल तक लगभग सभी व्यायामशालाओं बिजली की सुविधा उपलब्ध नहीं है। वर्जन-
व्यायामशाला में लगाए गए पेड़-पौधे ग्राम पंचायत ने नहीं खरीदे, ऐसे पेड़ क्यों खरीदे गए इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। अंग्रेजी घास की क्वालिटी सही नहीं है, जिसकी शिकायत की गई है। व्यायामशाला में बिजली का कनेक्शन नहीं है, पानी के लिए उन्हें जेनरेटर चलाना पड़ता है। अब अधिकारियों ने कहा है कि पेड़-पौधों पर जो खर्च किया है वह ग्राम पंचायत को देना होगा।
-सोहन राणा, सरपंच जमालपुर वर्जन-
करनाल जिले के वातावरण के अनुसार पाम का पौधा अनुकूल नहीं है। व्यायामशालाओं में पाम के पौधे लगाए जाने का मामला उनके संज्ञान में आया है। व्यायामशालाओं के लिए निश्चित 34 लाख 80 हजार का बजट दिया गया थे, ऐसे में महंगे पेड़ पौधे क्यों लगवाये गए इस मामले की जांच करवाई जाएगी।
-निशांत कुमार यादव, एडीसी करनाल।