जगजीत सिंह गीत-संगीत प्रतियोगिता में दिव्यम सोढी को प्रथम पुरस्कार
इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज संस्था की ओर से विख्यात गजल गायक जगजीत सिंह की याद में मेरे गीत अमर कर दो गायन प्रतियोगिता का आयोजन गौरइया में किया गया।
जागरण संवाददाता, करनाल :
इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज संस्था की ओर से विख्यात गजल गायक जगजीत सिंह की याद में मेरे गीत अमर कर दो गायन प्रतियोगिता का आयोजन गौरइया में किया गया। प्रतियोगिता में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश व चंडीगढ़ से 22 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रतिभागियों ने जगजीत सिंह द्वारा गायी गई गजलों को गाकर उनके प्रति सम्मान प्रकट किया। प्रतियोगिता में करनाल के दिव्यम सोढी को प्रथम पुरस्कार मिला। भटिडा के रमनदीप जोगी और लुधियाना के विकास दूसरे स्थान पर रहे। तीसरा पुरस्कार हिमाचल प्रदेश के देव रावत और पंजाब की तनु को मिला। विजेताओं को क्रमश: 21 हजार, 11 हजार व 5100 रुपये तथा प्रशंसा-पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। इसके बाद जगजीत सिंह के जीवन पर पुस्तक लिखने वाली बॉलीवुड की जानी मानी शख्सियत डॉ. सत्या सरन ने जगजीत सिंह के जीवन पर प्रकाश डाला और उनके संघर्षमय जीवन की कहानियां उपस्थित श्रोताओं के साथ सांझा की। बात निकलेगी तो फिर. कार्यक्रम की शुरुआत अशोक सुखीजा, नरेंद्र बांबा, उमेश चानना, डॉ. राधेश्याम शर्मा व डॉ. एमएल मदन ने दीप प्रज्जवलित करके की। डॉ. सत्या सरन ने कहा कि गजल गायक जगजीत सिंह ने अपने गायन से न सिर्फ देशभर के लोगों को दीवाना बनाया, बल्कि उनकी मखमली आवाज का जादू सरहद पार भी छाया। जगजीत सिंह गायकी में इतने मशगूल हो गए कि उन्हें एक समय के बाद गजल सम्राट के नाम से जाना जाने लगा। इंटेक के करनाल इंचार्ज डॉ. पियूष ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा, एडीजीपी श्रीकांत जाधव, आकाश भट्ट, कुलजिद्र मोहन सिंह बाठ, डॉ. कृष्ण अरोड़ा व प्रवेश गाबा मौजूद रहे।