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जैविक खेती में बाधा नहीं बनेंगी बीमारियां, एनएचआरडीएफ में बनेंगे बॉयोप्रोडक्ट

जागरण संवददाता, करनाल जैविक खेती खासकर सब्जियां उगाने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है। अब जैविक खेती में बीमारियां बाधा नहीं बनेंगी। किसानों को बीमारियों से बचाव के लिए मजबूरन फर्टिलाइजर या रसायन नहीं डालना पड़ेगा। इसके विकल्प के तौर पर राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान में बॉयोप्रोडक्ट तैयार किए जाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 02:09 AM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 02:09 AM (IST)
जैविक खेती में बाधा नहीं बनेंगी बीमारियां, एनएचआरडीएफ में बनेंगे बॉयोप्रोडक्ट
जैविक खेती में बाधा नहीं बनेंगी बीमारियां, एनएचआरडीएफ में बनेंगे बॉयोप्रोडक्ट

जागरण संवददाता, करनाल

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जैविक खेती खासकर सब्जियां उगाने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है। अब जैविक खेती में बीमारियां बाधा नहीं बनेंगी। किसानों को बीमारियों से बचाव के लिए मजबूरन फर्टिलाइजर या रसायन नहीं डालना पड़ेगा। इसके विकल्प के तौर पर राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान में बॉयोप्रोडक्ट तैयार किए जाएंगे। यहां बनने वाले बॉयोप्रोडक्ट रसायनों की जगह इस्तेमाल होकर बीमारियों पर नियंत्रण रखेंगे। अब तक इसे अस्थायी लैब में मनाया जा रहा था। शनिवार को सहकारिता और किसान कल्याण विभाग कृषि और किसान कल्याण के पूर्व सचिव एसके पटनायक व एनएचआरडीएफ के अध्यक्ष डॉ. बिजेंद्र ¨सह ने जैव नियंत्रण प्रयोगशाला का शिलान्यास किया। इस मौके पर उनके साथ संस्थान के डिप्टी डायरेक्टर बीके दुबे भी थे। मुख्य अतिथि ने कहा कि जैविक खेती की दिशा में कदम बढ़ा रहे किसानों के लिए यह लैब मील का पत्थर साबित होगी। इस अवसर पर संस्था के डायरेक्टर डा. पीके गुप्ता भी उपस्थित रहे। साढ़े तीन हजार हेक्टेयर में जैविक सब्जियां, रकबा बढ़ाने का लक्ष्य

डिप्टी डायरेक्टर डॉ. बीके दुबे ने कहा कि प्रदेश में लगभग साढ़े तीन हजार हेक्टेयर में जैविक खेती खासकर सब्जियां उगाई जा रही हैं। हरियाणा में जैविक खेती की तरफ किसान तीव्रता से आगे आए हैं। जिस प्रकार से किसान जैविक खेती को लेकर उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं, भविष्य में इसके अच्छी परिणाम सामने आएंगे। दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा रसायनों का इस्तेमाल हमें बीमार कर रहा है, इससे बचाना बेहद जरूरी है। किसानों की समस्या को पहचाना और डिमांड की

डॉ. दुबे के मुताबिक जैविक खेती करने वाले किसानों से बातचीत की गई। इस काम में उन्हें क्या-क्या परेशानियां सामने आ रही हैं, उनके बारे में जाना और किसानों के हित में हम क्या कर सकते हैं इस संकल्प के साथ आगे बढ़े। आइएएस एसके पटनायक ने करीब 42 लाख रुपये की लागत से बनने वाली इस लैब की सौगात दी है। इससे में बनने वाले बॉयोप्रोडक्ट से हम सब्जियों में आने वाली बीमारियों को रोकने में कामयाब हो सकेंगे। किसानों को प्रमाण-पत्र देकर किया सम्मानित

मुख्य अतिथि एसके पटनायक ने कहा कि जैव नियंत्रण प्रयोगशाला के निर्माण से जैविक उत्पादों की उपलब्धता किसानों के लिए आसान होगी। हरियाणा के किसान जैविक खेती की ओर अधिक अग्रसित होंगे। इसके बाद राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत संस्था की ओर से पूर्व में सब्जी बीजोत्पादन विषय पर किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए किसानों को मुख्य अतिथि ने प्रमाण पत्र वितरित किया गया।


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