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शहर से नहीं हट पा रहा डेयरियों की गंदगी का दाग

बरसों से से शहर से डेयरियों की गंदगी का दाग नहीं हट पा रहा है। डेयरी शिफ्टिग को लेकर प्रयास जोरशोर होने का दावा किया जाता रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Sep 2019 07:09 AM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 07:09 AM (IST)
शहर से नहीं हट पा रहा डेयरियों की गंदगी का दाग
शहर से नहीं हट पा रहा डेयरियों की गंदगी का दाग

जागरण संवाददाता, करनाल : बरसों से से शहर से डेयरियों की गंदगी का दाग नहीं हट पा रहा है। डेयरी शिफ्टिग को लेकर प्रयास जोरशोर होने का दावा किया जाता रहा है। लेकिन यह प्रयास सफलता तक आज तक नहीं पहुंचे हैं। किसी ना किसी वजह से डेयरी शिफ्टिग का मामला ठंडे बस्ते में जाता रहा है। डेयरियों की गंदगी की वजह से स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत करनाल को देश के टॉप टेन शहरों में शामिल करने के प्रयासों को भी धक्का लग सकता है। निगम हाउस की पहली बैठक में डेयरी शिफ्टिग को लेकर बनी छह सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट भी अभी फाइनल नहीं हुई है।

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डेयरी संचालकों ने दी पशुओं की गलत जानकारी, रद हुए पिछले ड्रॉ

डेयरी संचालकों ने पशुओं की संख्या की गलत जानकारी निगम को देकर पिगली में प्लाट आवंटित करवाए थे। यही तर्क देकर निगम हाउस की 13 जून को हुई बैठक में उनके प्लाट का ड्रा निरस्त करने का प्रस्ताव पारित हुआ था। पांच से 15 पशु रखने वाले 23 व्यक्तियों को 250 वर्ग गज और 26 से 50 पशु रखने वाले 14 व्यक्तियों को 500 वर्ग गज के प्लाटों की अलाटमेंट करने के लिए 24 अक्टूबर 2017 को ड्रा निकाला गया था।

दो माह 20 दिन से रिपोर्ट फाइनल नहीं कर सकी कमेटी

छह सदस्यीय कमेटी दो माह 20 दिन से अपनी रिपोर्ट फाइनल नहीं कर सकी है। पार्षद मुकेश अराड़ा, पार्षद राजेश अघी, पार्षद रामचंद्र काला, उप निगम आयुक्त धीरज कुमार व सचिव बल सिंह सहित छह सदस्यीय कमेटी बनी थी। कमेटी की दो बैठक हो चुकी है। डेयरियों पर जाकर कमेटी के सदस्यों ने इस अवधि में निरीक्षण भी नहीं किया है।

स्वच्छ सर्वेक्षण के अंकों पर पड़ सकता है असर

शहर में करीब 150 डेयरियां संचालित हैं। कई डेयरियां आबादी क्षेत्र के अंदर ही संचालित की जा रही हैं। डेयरियों की गंदगी की वजह से सीवरेज व नाले जाम होने की समस्या सामने आती रहती है। लिहाजा स्वच्छ सर्वेक्षण के समय इन डेयरियों की गंदगी का असर शहर को मिलने वाले अंकों पर आ सकता है।

सितंबर माह में होगी रिपोर्ट फाइनल

कमेटी सदस्य मुकेश अरोड़ा ने कहा कि सितंबर माह में कमेटी अपनी रिपोर्ट को फाइनल कर देगी। डेयरियों पर जाकर सर्वे किया जाएगा। इसकी वीडियो रिकार्डिंग भी करवाई जाएगी। रिपोर्ट फाइनल होने के बाद प्लाटों का ड्रा निकालने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।

स्वच्छ सर्वेक्षण पर आता है असर : मेयर

मेयर रेणू बाला गुप्ता ने कहा कि निश्चित तौर पर शहर के अंदर डेयरियां रहने से उसका असर स्वच्छ सर्वेक्षण के अंकों पर आता है। स्वच्छ सर्वेक्षण में शहर की सफाई के हर पहलू पर गौर पर किया जाता है। वह इस कमेटी का अभी हिस्सा नहीं है। लेकिन वह अब जरूर कमेटी में शामिल होंगी।


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