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सूबेदार जो¨गदर ¨सह पर बनी फिल्म को करें कर मुक्त

डेरा कार सेवा कलंदरी गेट में बाबा सुखा ¨सह की अध्यक्षता में सामाजिक संस्थाओं ने सूबेदार जो¨गदर ¨सह के जीवन पर बनी एक फिल्म को कर मुक्त करने की अपील सरकार से की।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Apr 2018 07:21 PM (IST)Updated: Mon, 09 Apr 2018 07:21 PM (IST)
सूबेदार जो¨गदर ¨सह पर बनी फिल्म को करें कर मुक्त
सूबेदार जो¨गदर ¨सह पर बनी फिल्म को करें कर मुक्त

जागरण संवाददाता, करनाल : डेरा कार सेवा कलंदरी गेट में बाबा सुखा ¨सह की अध्यक्षता में सामाजिक संस्थाओं ने सूबेदार जो¨गदर ¨सह के जीवन पर बनी एक फिल्म को कर मुक्त करने की अपील सरकार से की।

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बाबा सुखा ¨सह ने बताया कि परमवीर चक्र विजेता सूबेदार जो¨गदर ¨सह सिख रेजिमेंट के बहादुर सैनिक थे। उन्होंने देश की रक्षा के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर दी थी। जो¨गदर ¨सह ने देश के लिए कई महत्वपूर्ण लड़ाइयां लड़ीं। सबसे पहले दूसरे विश्व युद्ध में हिस्सा लिया और बर्मा बार्डर पर लड़े। कश्मीर में कबालियों से लड़े और फिर भारत चीन युद्ध में लड़ते हुए शहीद हो गए। सागा म्यूजिक और सेवन क‌र्ल्स मोशन पिक्चर्स ने यह फिल्म बनाकर भारतीय सैनिकों के प्रति सम्मान प्रकट किया है और यह दर्शाया है कि किन कठिन परिस्थिति में हमारे सैनिक कार्य करते हैं। किसी परमवीर चक्र विजेता के जीवन पर बनने वाली यह पहली भारतीय फिल्म है। इस फिल्म को 6 अप्रैल से देश-विदेश के दर्शकों का काफी उत्साह मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि फिल्म में सूबेदार जो¨गदर ¨सह के जीवन के कई पक्षों को भली-भांति प्रदर्शित किया गया है। उनका जन्म 26 सितंबर 1921 को मोगा के मेहला कलां में पिता शेर ¨सह के घर माता बीबी किशनकौर की कोख से हुआ। वे एक बहुत ही बहादुर सैनिक होने के साथ-साथ कामयाब कमांडर भी रहे। उन्होंने सिख रेजिमेंट को बड़ी कामयाबी के साथ सीमा की रक्षा के लिए प्रेरित किया। 28 सितंबर 1936 में उन्होंने ब्रिटिश भारतीय सेना में सिख रेजिमेंट की पहली बटालियन का पद भार ग्रहण किया। आजादी के बाद जब कश्मीर पर पाकिस्तान द्वारा हमला किया गया तो भारत की ओर से सूबेदार जो¨गदर ¨सह ने अपने सैनिकों के साथ मुंहतोड़ जवाब दिया। 1962 में जब चीन ने अचानक भारत पर हमला बोल दिया तो ये अपनी सिख रेजिमेंट के साथ त्वांग सेक्टर के बुमलापास में तैनात किए गए। चीन की ओर से कई हमले हुए। वे 200-200 की टुकड़ियों में हमला करते थे, जबकि भारत के सैनिक बहुत कम थे। उनके दो हमलों में उनके सभी सैनिकों ंको तबाह कर दिया। जब तीसरा हमला हुआ तो सूबेदार के साथ मात्र 7 लोग रह गए थे और गोला बारुद खत्म हो गया था तो आमने-सामने की लड़ाई में बहुत सारे चीनियों को मौत के घाट उतारते हुए वह शहीद हो गए। जिनको मरणोपरांत परमवीर चक्र प्रदान किया गया। सदस्यों ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि इस फिल्म को पूर्णतया कर मुक्त किया जाए। इस दौरान जसबीर ¨सह गुलाटी, गुरबक्श ¨सह, बल¨वदर ¨सह, ब¨रदर ¨सह, हर¨जदर ¨सह मिड्डा, गुरनाम ¨सह, एपी ¨सह चोपड़ा, जोगा ¨सह व दलजीत ¨सह मौजूद रहे।


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