डीसी व एसपी ने किया स्मार्ट सिटी के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट आइसीसीसी का निरीक्षण
करनाल स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से शहर के सेक्टर-12 स्थित नगर निगम भवन के दूसरे तल पर प्रदेश के एकमात्र इंटाग्रेटिड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का रविवार को डीसी एवं केएससीएल के सीईओ निशांत कुमार यादव ने एसपी गंगाराम पुनिया के साथ दौरा कर इसके सभी फीचर और एप्लीकेशन की लाइव टैस्टिग देखी और इसमें क्या कुछ जोड़ा जाना चाहिए उसे लेकर प्रोजेक्ट की टीम को निर्देश दिए।
जागरण संवाददाता, करनाल : करनाल स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से शहर के सेक्टर-12 स्थित नगर निगम भवन के दूसरे तल पर प्रदेश के एकमात्र इंटाग्रेटिड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का रविवार को डीसी एवं केएससीएल के सीईओ निशांत कुमार यादव ने एसपी गंगाराम पुनिया के साथ दौरा कर इसके सभी फीचर और एप्लीकेशन की लाइव टैस्टिग देखी और इसमें क्या कुछ जोड़ा जाना चाहिए, उसे लेकर प्रोजेक्ट की टीम को निर्देश दिए। आईसीसीसी सेंटर में जाकर डीसी ने शहर की भिन्न-भिन्न लोकेशन पर लगाए गए कैमरो की जानकारी ली। मद्रास सिक्योरिटी प्रिटर्स के प्रोजेक्ट हैड ने बताया कि शहर के 29 चौक-चौराहों पर 278 सर्विलांस, 211 ट्रैफिक कंट्रोल व मैनेजमेंट तथा 105 थर्मल कैमरे लग चुके हैं, अर्थात सबको मिलाकर 594 कैमरों की इंस्टालेशन हो चुकी है। इनमें से अधिकांश लाइव हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त शहर की 35 लोकेशन पर एमरजेंसी काल बाक्स, 35 ही जगहों पर वैरिएबल मैसेज डिस्पले बोर्ड और 114 जगहों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम स्थापित किए गए हैं। वीएमबी पर रोजाना प्रात: के समय भक्ति गीत और दिनभर जरूरी संदेश डिस्प्ले हो रहे हैं। डीसी ने कहा कि अलग-अलग जंक्शन पर अलग-अलग तरह के मैसेज कांटेंटस होने चाहिए। वीडियो वाल पर एक-एक फीचर की लाइव टेस्टिग के दौरान उपायुक्त ने सर्विलांस कैमरों के सिस्टम के जरिए क्राउड डिटेक्शन यानि किस जगह पर कितनी भीड़ खड़ी है, उसका पता लगाना, फेस डिटेक्शन यानि कौन सा व्यक्ति है तथा अनआईडेंटिफाइ आब्जेक्टस यानि अज्ञात वस्तुओं की निगरानी कैसे हो, इसे लाइव करवा देखा। डीसी को अवगत कराया गया कि ये सभी चीजें आईसीसीसी से एकृकीत कर दी गई हैं। उन्होंने वाहन चालान सिस्टम की टेस्टिग को भी देखा। इसके तहत आटोमेटिक चालान सिस्टम को भी सेंटर से एकृकित कर दिया गया। इसके तहत निकट भविष्य में बिना हैल्मेट, रेड लाइट जंपिग तथा ओवर स्पीडिग के आटोमेटिक चालान जेनरेट होंगे। वीडियो वाल पर दिखाया गया कि रेड लाइट पर लगाई गई सफेद पट्टी को पार करना भी उल्लंघन के दायरे में आता है, वाहन को पट्टियों से पीछे ही रखना चाहिए। डीसी ने प्रोजेक्ट हैड से कहा कि कम से कम दो ग्रीन कॉरिडोर रखे जाएं, जो वीआईपी और एमरजेंसी व्हीकल के लिए हों। टीम ने बताया कि इस पर काम हो रहा है। ईसीबी यानि एमरजेंसी कॉल बॉक्स सिस्टम पर काफी देर तक चर्चा होती रही।
डीसी ने बताया कि आईसीसीसी का प्रोजेक्ट बड़ा है। हालांकि यह गो-लाईव के लिए तैयार है। जिसका किसी भी समय उद्घाटन हो सकता है। लेकिन इसमें किसी तरह की कोई खामी ना रहे, इसे लेकर बार-बार टैस्टिग की जा रही है। उन्होंने बताया कि टैस्टिग का एक फायदा यह भी हुआ है कि जनता को चौक-चौराहों पर ट्रैफिक नियमों का पालन करने की आदत बनी है। वाहन चालक रेड लाइट पर कायदे से वाहन को रोकते हैं और ग्रीन होने पर रवाना होते हैं। फिर भी जो व्यक्ति ट्रैफिक रूल का पालन कितना जरूरी है, इस बात को नहीं समझते, उन्हें चालान भुगतना पड़ेगा। आईसीसी सेंटर में मौजूद जिला पुलिस अधीक्षक ने चालान सिस्टम को लेकर कई तरह के सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि किसी घटना में संलिप्त व्यक्ति को डिटैक्ट करने के लिए सभी जंक्शन पर उसकी लाइव तस्वीर दिखाई देती रहे और इस तरह की घटना में प्रयुक्त वाहन भी भिन्न-भिन्न जगहों से गुजरता दिखाई देना चाहिए, ताकि उसे पकड़ा जा सके। प्रोजेक्ट हैड ने बताया कि ऐसा ही किया जा रहा है। इस मौके पर जीएम रमेश मढान, डीआईओ महीपाल सीकरी, एक्सईएन सौरभ गोयल, स्पोर्ट इंजीनियर मोहन शर्मा, पीएमसी प्रवीन झा व उनकी टीम के सदस्य तथा एनएच ट्रैफिक पुलिस इंचार्ज अशोक भारद्वाज मौजूद रहे।