Move to Jagran APP

फसल अवशेष जलाना पड़ा भारी, दो दिन में 20 किसानों पर केस दर्ज

प्रतिबंध के बावजूद धान के अवशेष जलाना किसानों को भारी पड़ने लगा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Nov 2020 07:45 AM (IST)Updated: Fri, 06 Nov 2020 07:45 AM (IST)
फसल अवशेष जलाना पड़ा भारी,  दो दिन में 20 किसानों पर केस दर्ज
फसल अवशेष जलाना पड़ा भारी, दो दिन में 20 किसानों पर केस दर्ज

संवाद सहयोगी, घरौंडा : प्रतिबंध के बावजूद धान के अवशेष जलाना किसानों को भारी पड़ने लगा है। अवशेषों में आग लगाए जाने की सूचना सेटेलाइट के माध्यम से कृषि विभाग को मिल रही है, जिसके चलते विभाग के अधिकारी भी सक्रिय हो गए हैं। घरौंडा क्षेत्र में ऐसे 20 किसान सामने आए हैं, जिनके खिलाफ शिकायत मिलने पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

prime article banner

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ आदित्य प्रताप डबास के अनुसार सेटेलाइट से मिली लोकेशन के आधार पर विभाग की ओर से संबंधित क्षेत्र के पटवारियों द्वारा सर्वे भी कराया गया, जहां अवशेष जलाए जाने के सुबूत मिले हैं। आरोपित किसानों में घरौंडा के जगमाल सिंह, खोराखेड़ी के बलदेवा, बड़सत वासी उषा रानी व धर्मसिंह, फरीदपुर वासी राम सिंह, पृथ्वी व सुरेंद्र कुमार, पूंडरी वासी श्री ओम, हरि ओम, हरिसिंहपुरा वासी मांगे राम सुभाष व राजबीर, सुखविद्र व प्रकाश चंद वासी कुटेल, अंग्रेज सिंह व कदमा वासी कालरों के अलावा फैजिलपुर माजरा वासी सतबीर सहित कई अन्य किसान शामिल है। उपनिदेशक ने बताया कि संबंधित किसानों द्वारा कितने रकबे में फसल अवशेष जलाए हैं और हरसेक की ओर से सेटेलाइट द्वारा उनकी लोकेशन कब जांची गई, यह पूरी जानकारी पुलिस को दी है।

दो माह के लिए अवशेष जलाने पर है प्रतिबंध

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक आदित्य प्रताप डबास का कहना है कि जिला उपायुक्त द्वारा दंड प्रक्रिया नियमावली 1973 की धारा 144 के तहत धान कटाई उपरांत बचे हुए अवशेष जलाने पर दो माह के लिए प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसके बावजूद फसलों के अवशेष जलाना भारतीय दंड सहिता की धारा 188 आई.पी.सी. एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 का उल्लंघन है। विभाग द्वारा की गई प्राथमिक जांच में किसानों द्वारा उक्त अधिनियम का उल्लंघन किया है। उपनिदेशक ने बताया कि इससे पहले भी जिला के कई किसानों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। विभाग फसल अवशेष जलाने से रोकने के लिए पूरी तरह से निगरानी बनाए हुए है जबकि किसानों को इस बारे में जागरूक भी किया जा चुका है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.