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सकारात्मक सोच पैदा करता साहित्य : हवा ¨सह

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कैमला परिसर में अध्यापक राधेश्याम भा

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Feb 2018 01:57 AM (IST)Updated: Tue, 20 Feb 2018 01:57 AM (IST)
सकारात्मक सोच पैदा करता साहित्य : हवा ¨सह
सकारात्मक सोच पैदा करता साहित्य : हवा ¨सह

संवाद सहयोगी, घरौंडा : राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कैमला परिसर में अध्यापक राधेश्याम भारतीय द्वारा लिखित पुस्तक कीचड़ में कमल का विमोचन किया गया। विद्यालय के प्राचार्य हवा ¨सह ने पुस्तक का विमोचन किया।

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उन्होंने कहा कि वास्तव में साहित्य सकारात्मक सोच पैदा करता है। पुस्तक में राजनीति, परिवार, समाज तीनों क्षेत्रों में आ रही विकृतियों और विडंबनाओं पर जो रचनाएं लिखी गई है, वे गौर करने लायक हैं। राधेश्याम भारतीय ने बताया कि कीचड़ में कमल उनका दूसरा लघु कथा संग्रह है। इससे पहले वे वर्ष 2014 में'अभी बुरा समय नहीं आया' पर पुस्तक प्रकाशित कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि साहित्यकार एक संवेदनशील प्राणी माना गया है। वह हर घटना को अपने ही नजरिये से देखता है। यदि कोई विशेष घटना, जो व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रही है। उससे विचलित हुए बिना नहीं रहता। वह उस पर विचार करना शुरू कर देता है।

उन्होंने कहा कि अब आप ही सोचिए कि आदमी से आदमी के बीच इतनी गहरी खाई क्यों है? पुस्तक का जिक्र करते हुए राधेश्याम भारतीय ने बताया कि मैंने इस पुस्तक में समाज में फैली कुरीतियों व विकृतियों पर रचनाएं लिखने का प्रयास किया है। कीचड़ में कमल से स्पष्ट है पहले संग्रह की लघु कथाओं में आदर्श का पुट अधिक था लेकिन दूसरे में कमल के साथ कीचड़ का भी जायजा लिया है। इस मौके पर प्राध्यापक मोहन, विक्रम, राज ¨सह, महेंद्र पाल, जो¨गद्र, सुषमा, रीमा जैन, नीलम, रेनू, सुमन, यशपाल दत्त, विरेंद्र शास्त्री, विनोद गुप्ता, रामफल व देवी ¨सह मौजूद रहे।


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