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निगम आयुक्त ने स्लाटर हाउस व दमकल केंद्रों का किया निरीक्षण

गर निगम आयुक्त निशांत कुमार यादव ने शनिवार को काछवा रोड स्थित स्लाटर हाउस का दौरा कर ईटीपी (एफूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट) और स्लाटरिग के लिए बनाए गए हॉल व दुकानों का निरीक्षण किया। डीएमसी धीरज कुमार भी दौरे में साथ थे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Sep 2019 06:40 AM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 06:37 AM (IST)
निगम आयुक्त ने स्लाटर हाउस व दमकल केंद्रों का किया निरीक्षण
निगम आयुक्त ने स्लाटर हाउस व दमकल केंद्रों का किया निरीक्षण

जागरण संवाददाता, करनाल : नगर निगम आयुक्त निशांत कुमार यादव ने शनिवार को काछवा रोड स्थित स्लाटर हाउस का दौरा कर ईटीपी (एफूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट) और स्लाटरिग के लिए बनाए गए हॉल व दुकानों का निरीक्षण किया। डीएमसी धीरज कुमार भी दौरे में साथ थे। प्लांट के मैनेजर संजय चौहान ने कहा कि ईटीपी का मकसद और यह कैसे काम करता है, इस बारे पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मूलत: प्लांट में मांस देने वाले पशुओं की स्लाटरिग से निकलने वेस्ट जिसमें रक्त व पशुओं की आंतड़ियां इत्यादि होती हैं, उनके साथ घरों से निकले बायोडिग्रेडेबल वेस्ट को प्रोसेस करके उससे मिथेन या सीएनजी गैस का उत्सर्जन करना है और इस मकसद को लेकर प्लांट अपनी क्षमता अनुसार ठीक से फंक्शन कर रहा है।

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वर्तमान में यहां बायोडिग्रेडेबल वेस्ट से मिथेन गैस बनाकर उसे स्टोरेज टैंक में इकठ्ठा किया जा रहा है और अब तक 5 हजार लीटर गैस का भंडारण किया जा चुका है। इस गैस से यहां के जेनरेटर को चलाकर उसकी बिजली से लाइटिग की आवश्यकताओं को आसानी से पूरा किया जा सकता है। उन्होंने प्लांट में ईटीपी के लिए बनाया गया एक बड़ा गढ्ढा दिखाया, जिसमें बायोडिग्रेडेबल वेस्ट के साथ गोबर और धान की पराली को भी मिक्स करके उससे गैस बनाई जा रही है।

प्लांट के मैनेजर के अनुसार वैसे तो स्लाटर हाउस में ईटीपी प्लांट उत्तर भारत का यूनिक प्लांट हैं, बल्कि उन्होंने दावा किया कि पूरे भारत में इस तरह का पहला प्लांट करनाल में ही लगाया गया है। निगमायुक्त ने प्लांट की कारगुजारी को देखकर इसे एक अच्छा आइडिया बताया और कहा कि भविष्य में इसका विस्तार किया जा सकता है। उन्होंने यहां तक कहा कि प्लांट में इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन भी यहां बनाया जा सकता है।

दमकल विभाग के स्टाफ की ड्यूटी आवर्स और समस्याओं की जानकारी ली

निगमायुक्त ने सेक्टर-4 स्थित मुख्य दमकल केंद्र का दौरा किया। इसमें मौजूद दमकल गाड़ियों को देखने के लिए यहां के स्टाफ से उनके ड्यूटी आवर्स तथा समस्याओं की भी जानकारी ली। स्टेशन फायर ऑफिसर रामपाल ने निगमायुक्त का स्वागत किया और बताया कि वर्तमान में यहां 9 दमकल वाहन हैं, जिनमें 7 बड़ी व 2 छोटी गाड़ियां हैं। गलियों में आग जैसी घटनाओं पर काबू पाने के लिए 2 बाइक भी हैं। सभी गाड़ियों की कंडीशन अच्छी है और वे सुचारू रूप से कार्य कर रही हैं। उन्होंने बताया कि यहां वर्तमान में 50 फायर मैन और 24 चालक हैं। ड्यूटी तीन शिफ्टों में रहती हैं। पहली शिफ्ट प्रात: 7 से 2, दूसरी 2 से 10 और तीसरी शिफ्ट रात के 10 बजे से सुबह 7 बजे तक चलती है, ताकि 24 घंटे कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात रहें।


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