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श्वास का नियंत्रण ही प्राणायाम : दिनेश

सेक्टर-14 के कृष्णा मंदिर में आयोजित कक्षा में साधकों ने योगाभ्यास किया। योग शिक्षक दिनेश गुलाटी ने सूर्य नमस्कार, अर्ध चक्रासन, पूर्ण, चंद्रासन, सुप्त पदमासन व सुप्त वज्रासन का अभ्यास करवाया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Sep 2018 09:04 PM (IST)Updated: Sun, 09 Sep 2018 01:03 AM (IST)
श्वास का नियंत्रण ही प्राणायाम : दिनेश
श्वास का नियंत्रण ही प्राणायाम : दिनेश

जागरण संवाददाता, करनाल : सेक्टर-14 के कृष्णा मंदिर में आयोजित कक्षा में साधकों ने योगाभ्यास किया। योग शिक्षक दिनेश गुलाटी ने सूर्य नमस्कार, अर्ध चक्रासन, पूर्ण, चंद्रासन, सुप्त पदमासन व सुप्त वज्रासन का अभ्यास करवाया।

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उन्होंने कहा कि श्वास का नियंत्रण ही प्राणायाम है। सांस लेने की उचित तकनीक का अभ्यास रक्त और मस्तिष्क को अधिक ऑक्सीजन देने के लिए अंतत: प्राण या महत्वपूर्ण जीवन उर्जा को नियंत्रित करने में मदद करता है। प्राणायाम भी विभिन्न योग आसन के साथ-साथ चलता जाता है।

उन्होंने कहा कि योग आसन और प्रणायाम का संयोग शरीर, मन के लिए, शुद्धि और आत्म अनुशासन का उच्चतम रूप माना गया है। प्राणायाम तकनीक हमें ध्यान का गहरा अनुभव प्राप्त करने हेतु भी तैयार करती है। इससे पहले योग शिक्षक राजीव शर्मा ने यो¨गग-जो¨गग और सूक्ष्म व्यायाम का अभ्यास करवाया।

इस अवसर पर योग शिक्षक जितेंद्र गुप्ता, राजीव शर्मा, नवीन ¨जदल, अजय सरदाना, एसपी शर्मा, अरुण मैणी, बरखा ¨जदल, नीतू सहगल, वीना गोयल, शिखा गर्ग, ईशा मोंगिया, प्रेमलता गर्ग, कमलेश व सोनिया मौजूद रहीं।


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