दो साल से लटक रहा पश्चिम यमुना नहर पुल का निर्माण, रोजाना घंटों जाम से जूझते चालक
जागरण संवाददाता करनाल कैथल-करनाल मार्ग के चौड़ीकरण पर करोड़ों रुपये खर्च करने के
जागरण संवाददाता, करनाल : कैथल-करनाल मार्ग के चौड़ीकरण पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद वाहन चालकों को जाम से निजात नहीं मिली है। प्रशासनिक अधिकारियों की ढीली कार्यप्रणाली के कारण पश्चिम यमुना नहर के पुल का निर्माण दो साल से लटका हुआ है। नतीजतन हिसार, जींद, कैथल से आने वाले वाहनों को पुल पर जाम का सामना करना पड़ता है। पश्चिम यमुना नहर किनारे सड़क निर्माण होने के बाद शहर में जाम से निजात मिलने का दावा किया जा रहा था, लेकिन वर्षों बाद भी वाहन चालक यहां जाम का सामना कर रहे हैं।
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दो साल से नहीं हो सका पुल का निर्माण
पश्चिम यमुना नहर पर पुल निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से वर्ष-2018 में टैंडर छोड़ा गया था। दो साल से पुल का निर्माण धीमी गति से चल रहा है। बता दें कि चंडीगढ़, पंजाब और उत्तर प्रदेश की तरफ जाने के लिए हिसार, जींद, कैथल से रोजाना सात हजार से अधिक वाहन यहां से गुजरते हैं। हांसी चौक पर जाम से निजात दिलाने के लिए पश्चिम यमुना नहर के किनारे सड़क का निर्माण किया गया था। अब पिगली चौक के पास पुल के निर्माण का कार्य दो साल से लटका हुआ है। जानकारी के अनुसार टेंडर के अनुसार पहली समयावधि खत्म होने के बाद अब दोबारा समय सीमा बढ़ाकर जुलाई तक इसका निर्माण किया जाना है। ट्रक चालक गुरदीप सिंह ने बताया कि कैथल से करनाल आने वाले वाहन बेशक 50-60 मिनट का समय लेते हैं लेकिन पुल पर वाहनों की आवाजाही धीमी पड़ जाती है और वाहनों को घंटों जाम से जूझना पड़ता है।
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नहर का पानी रुकने के बाद काम शुरू : दलेल सिंह
पीडब्ल्यूडी एक्सईएन दलेल सिंह ने बताया कि पुल निर्माण के लिए नहर के पानी का रुकना जरूरी है। कुछ दिन में नहर का पानी बंद हो जाएगा और दो माह में पुल का निर्माण कर दिया जाएगा। वहीं ठेकेदार राजू ने बताया कि पुल के निर्माण के लिए वर्ष-2018 में टेंडर मिला था, लेकिन बिजली के खंभों को हटवाने में समय लगा है। इस दौरान कोरोना के चलते भी काम में रुकावट आई है। जल्द ही नहर का पानी बंद होने के बाद काम चालू कर दिया जाएगा।