काम नहीं करने की संस्कृति बनाना चाह रही है कांग्रेस
उन्होंने मंगलसेन सभागार में शहर के प्रबुद्धजनों को संबोधित किया। इस दौरान शहर की 94 सामाजिक संस्थाओं ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को अपना समर्थन दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि वे प्रदेश संभालें।
जागरण संवाददाता, करनाल : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस मुफ्तखोरी और काम नहीं करने की संस्कृति बनाना चाह रही है। जबकि हम काम करने का कल्चर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। जो लोग कामचोर हैं, उनको कार्य करने की प्रवृत्ति पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस का घोषणापत्र समाज को पंगु बना देने वाला है। कांग्रेस कह रही है कि बिना काम किए ही पैसे मिलेंगे, ऐसे में समाज का भला कैसे हो सकता है। भाजपा ने 100 घंटे काम करने वालों को मानदेय देने का फैसला लिया, जबकि कांग्रेस काम करने की प्रवृत्ति को समाप्त करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने मंगलसेन सभागार में शहर के प्रबुद्धजनों को संबोधित किया। इस दौरान शहर की 94 सामाजिक संस्थाओं ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को अपना समर्थन दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि वे प्रदेश संभालें। करनाल में उनके चुनाव प्रचार की कमान सभी सामाजिक संस्थाएं संभालेंगी।
सुप्रीम कोर्ट तक ने सरकार की प्रशंसा की
उदाहरण देकर मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती चुनाव में भाजपा सरकार द्वारा पढ़े लिखे प्रतिनिधि चुनने को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ने सरकार की प्रशंसा की है। साथ ही इस फैसले को दूसरे प्रदेशों में लागू करने के लिए अपील की थी। कांग्रेस के घोषणापत्र में है कि अगर उनकी सरकार बनी तो वे पढ़े लिखे प्रतिनिधि होने के फैसले को वापस लेंगे। इससे आप अंदाजा लगा सकते हो कि कांग्रेस कहां जा रही है। भाजपा काम करने का संकल्प पत्र लाई
भाजपा के घोषणापत्र के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि वे समाज के लिए काम करने का संकल्प पत्र लाए हैं, ताकि समाज में सुधार हो सके। उन्होंने ऐसी कोई झूठी घोषणा नहीं की है जो पूरी न हो सके। हमारा लक्ष्य अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाना है। यह रहे मौजूद
इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष जगमोहन आनंद, जिला महामंत्री योगेंद्र राणा, ब्रिज गुप्ता, भारत भूषण कपूर, मनोज वधवा, पूर्व मंत्री शशिपाल मेहता, अशोक भंडारी, मदनमोहन चौधरी, निफा अध्यक्ष प्रीतपाल पन्नू, समाजसेवी प्रवेश गाबा, कुलजिद्र मोहन बाठ, व्यापार मंडल के अध्यक्ष कृष्ण लाल तनेजा, राजीव मलहोत्रा, एडवोकेट नरेश बराना, योग शिक्षक दिनेश गुलाटी व किशोर नागपाल मौजूद रहे।