डेयरी मेले में दूसरे दिन प्रतियोगिताओं की धूम
राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय डेयरी मेले के दूसरे दिन विविध गतिविधियों की धूम रही।
जागरण संवाददाता, करनाल : राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय डेयरी मेले के दूसरे दिन विविध गतिविधियों की धूम रही। इस दौरान क्रॉसब्रीड की बछड़ियों की प्रतियोगिता में खेड़ी नरु गांव के किसान गुरमीत सिंह की बछड़ी अव्वल रही तो भैंसों की सौंदर्य प्रतियोगिता में भिवानी की सुमन की भैंस ने बाजी मारी। दो दांत से ऊपर की कटड़ी की सौंदर्य प्रतियोगिता में जींद के अनिल लजवाना कुर्द की कटड़ी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। मेले में आयोजित गोष्ठी में वैज्ञानिकों ने किसानों से सीधा संवाद करते हुए पशुओं को रोगों से बचाने के लिए बहुपयोगी सुझाव दिए।
रविवार को साप्ताहिक अवकाश का दिन होने के कारण मेले में सुबह से ही बड़ी संख्या में किसानों और पशुपालक नजर आने लगे। प्रदेश के साथ ही पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश आदि से किसानों ने मेले में पहुंचकर स्टॉलों पर आवश्यक जानकारियां हासिल कीं। मेले में आयोजित प्रतियोगिताओं में भी किसानों ने अपने पशुओं की उत्साहपूर्वक भागीदारी कराई। मेले में अच्छी नस्ल के पशुओं को खास तवज्जो दी गई। इस दौरान आयोजित क्रॉसब्रीड की बछडि़यों की सौंदर्य प्रतियोगिता में करनाल के खेड़ी नरु गांव के किसान गुरमीत सिंह की बछड़ी प्रथम स्थान पर रही। करनाल के दिलावरा गांव के किसान सतीश रावल की बछड़ी ने दूसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि कुंजपुरा करनाल के किसान रमेशचंद की बछड़ी तीसरे स्थान पर रही।
इसी प्रकार दो दांत से ऊपर की कटड़ी की सौंदर्य प्रतियोगिता में जींद के अनिल लजवाना कुर्द की कटड़ी प्रथम रही, जबकि करनाल के शेरगढ़ के किसान ईश्वर सिंह की कटड़ी द्वितीय तथा करनाल के कौंड के कुलदीप की कटड़ी तृतीय रही। इसके अलावा भैंसों की सौंदर्य प्रतियोगिता का आयोजन भी हुआ। इसमें भिवानी जिले की सुमन की भैंस ने पहला, पानीपत के डीडवारी के नरेंदर सिंह की भैंस ने दूसरा तथा यमुनानगर जिले के किसान राजकुमार की भैंस को तीसरा स्थान मिला। अन्य प्रतियोगिताओं और गतिविधियों में भी किसान अपने पशुओं के साथ उत्साहपूर्वक शामिल हुए।
वैज्ञानिकों ने दिए बहुपयोगी टिप्स
मेले के दूसरे दिन एनडीआरआइ के निदेशक डॉ. एमएस चौहान की अध्यक्षता में किसान विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसके तहत वैज्ञानिकों ने किसानों से सीधा संवाद करते हुए उनसे पूछे गए सवालों के जवाब दिए। डॉ. चौहान ने कहा कि पशुपालन किसानों का महत्वपूर्ण व्यवसाय है, लेकिन इस व्यवसाय में पशुपालकों को तमाम चुनौतियों से जूझना पड़ता है। मुंहपका, गलघोंटू, थनैला, समय पर पशु का हीट में न आना और समय से पहले गर्भ का गिर जाना जैसी अनेक प्रकार की बीमारियों से निदान पाने के लिए उन्हें पशुओं का समय पर टीकाकरण अवश्य कराना चाहिए।
आज बांटे जाएंगे पुरस्कार
एनडीआरआइ निदेशक डॉ. चौहान ने बताया कि सोमवार को राष्ट्रीय पशु मेले का समापन समारोह होगा। इस मौके पर विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता बने किसानों और पशुपालकों को पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने मेले के अंतिम दिन सभी किसानों व पशुपालकों से तमाम गतिविधियों में भाग लेने का अनुरोध किया।
मिल्क ब्यूटी स्पर्धा में भिवानी के दीपक की गाय प्रथम
राष्ट्रीय डेयरी मेले के दूसरे दिन शाम को गायों की मिल्क ब्यूटी प्रतियोगिता आयोजित हुई। इसमें भिवानी के दीपेंद्र सिंह की थारपारकर नस्ल की गाय को प्रथम, करनाल के गजेंद्र सिंह की गाय को द्वितीय और राजीव खुराना की गाय को तृतीय पुरस्कार मिला। विजेता गाय लाने वाले दीपेंद्र सिंह ने दावा किया कि उनकी गाय इससे पहले पांच बार की राष्ट्रीय चैंपियन रही है। दूध उत्पादन में भी यह बेजोड़ है।