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संघर्ष की सीढि़यों पर चढ़ते हुए लिखी सफलता की इबारत

इस महिला के लिए जीवन का सफर आसान नहीं था। संघर्ष का लंबा रास्ता था, लेकिन लक्ष्य साफ था कि उसको सफलता हासिल कर एक नजीर पेश करनी है। पति के देहांत के बाद नाज पाठक ने जो किया, वह आज एक सशक्तीकरण की राह में भी एक उदाहरण बन चुका है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 02:23 AM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 02:23 AM (IST)
संघर्ष की सीढि़यों पर चढ़ते हुए लिखी सफलता की इबारत
संघर्ष की सीढि़यों पर चढ़ते हुए लिखी सफलता की इबारत

जागरण संवाददाता, करनाल : इस महिला के लिए जीवन का सफर आसान नहीं था। संघर्ष का लंबा रास्ता था, लेकिन लक्ष्य साफ था कि उसको सफलता हासिल कर एक नजीर पेश करनी है। पति के देहांत के बाद नाज पाठक ने जो किया, वह आज एक सशक्तीकरण की राह में भी एक उदाहरण बन चुका है। अपने तीन बच्चों के ख्वाब पूरे करने हों या फिर उन्हें अच्छी शिक्षा-दीक्षा देनी हो। उसने हर मोर्चे पर अपनी काबिलयत से एक कामयाब मां का रोल अदा किया।

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सुपर मॉम ने दिलाई पहचान

वर्ष 2015 में सुपर मॉम सीजन टू ने रातों रात सेक्टर 13 निवासी नाज पाठक की ¨जदगी बदल दी। हालांकि इसके पीछे उनकी कठिन तपस्या था। सुपर मॉम सीजन की शुरुआत से पहले नाज पाठक के बच्चों को इसका पता चला। उन्होंने अपनी मां को इसमें भाग लेने के लिए कहा। साइंस टीचर का नृत्य से कोई नाता नहीं था, लेकिन बच्चों की खुशी के लिए उन्होंने डांस को एक चुनौती के तौर पर लिया। सुखद बात यह थी कि उनका पुत्र जतिन भी डांस में रुचि रखता था और उसने इसका प्रशिक्षण भी लिया हुआ था। लिहाजा वह अपनी मां का टीचर बन गया। मां-बेटे की जुगलबंदी रंग लाई और उन्हें इस शो के लिए चयनित कर लिया गया था। बड़ी बात यह रही कि उन्हें इस सीजन में सुपर ¨वग से नवाजा गया। उनकी कहानी पता चलने के बाद उनके जज्बे को सलाम किया गया। इसके बाद उन्होंने 2016 में रोडिज एक्स चार शो में अपने बेटे जतिन के साथ भाग लिया। 2017 में डांस शो बिग मैम साहब में भाग लिया। इस साल भी उनकी एक ओर रियलटी शो करने की तैयारी है।

पूरे परिवार को संभाला

दयाल ¨सह स्कूल सेक्टर सात की साइंस टीचर 44 वर्षीय नाज पाठक के पति उमेश भार्गव का करीब 14 साल पहले देहांत हो गया था। यहीं से उनके संघर्ष की कहानी शुरू हो गई। तीन बच्चों के पालन-पालन पोषण की जिम्मेदारी उठाने के साथ ही लिया। नाज पाठक कहती हैं कि छोटे बच्चों को संभालना पहले मुश्किल लगता था, लेकिन समय आगे बढ़ने के साथ ही बच्चे ही उनकी ताकत बन गए। बड़ा बेटा 24 वर्षीय जतिन अपनी डांस अकादमी संचालित कर रहा है। 16 साल की बेटी फिजा ने 12वीं कक्षा में ओपीएस स्कूल में टॉप किया। अब वह दिल्ली में प्रोफेशनल डांस की ट्रे¨नग ले रही है। इन दिनों टीवी पर एक एड फिल्म में भी वह दिखाई दे रही है। सबसे छोटा बेटा एम्मी नौवीं कक्षा की परीक्षाएं दे रहा हैं।


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