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राजकीय महाविद्यालय में इस साल भी शुरू नहीं हो पाएंगी कक्षाएं

तरावड़ी में लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए बनाए जा रहे राजकीय

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 06:45 AM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 06:45 AM (IST)
राजकीय महाविद्यालय में इस साल भी शुरू नहीं हो पाएंगी कक्षाएं
राजकीय महाविद्यालय में इस साल भी शुरू नहीं हो पाएंगी कक्षाएं

रोहित लामसर, तरावड़ी : तरावड़ी में लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए बनाए जा रहे राजकीय महाविद्यालय में इस साल भी कक्षाएं शुरू नहीं हो पाएंगी। जबकि कालेज के शिलान्यास के समय अधिकारियों की ओर से दावा किया गया था कि 2019 में कालेज में कक्षाएं शुरू हो जाएगी। जिस तरह काम की गति मंथर है, उससे अगले साल भी कालेज में कक्षाएं शुरू होगी, इसमें संदेह है। हरियाणा सरकार द्वारा मई 2016 में हरियाणा के 31 राजकीय महाविद्यालयों के साथ तरावड़ी में कालेज बनाने की घोषणा की गई थी। हुडा सेक्टर 1 में 10 फरवरी 2017 को इसका शिलान्यास किया गया और निर्माण पर 12 करोड़ खर्च आने के अनुमान के साथ- साथ इसका निर्माण कार्य 15 माह में पूरा होने की घोषणा की गई थी। निर्माण कार्य पूरा होने की समयावधि मई 2018 थी लेकिन दो साल ज्यादा बीत जाने के बाद भी कालेज का निर्माण कार्य पूरा नही हो पाया। अब इसे पूरा करने के लिए अतिरिक्त पैसे की जरूरत आन पड़ी है और सरकार से इसकी मंजूरी मिलने में देरी के चलते काम पूरा तरह ढीला पड़ गया है। सरकार ने कालेज के निर्माण पूरा होने के हिसाब से वर्ष 2018 में कालेज में दाखिला शुरू कर दिया और जब तक बिल्डिग का निर्माण पूरा न हो जब तक इस कक्षाओं को नीलोखेड़ी के ललिता शास्त्री स्कूल में लगाया गया। तरावड़ी व आसपास के बच्चों को उम्मीद थी कि उनके दाखिले के अगले साल तक तरावड़ी में कालेज का निर्माण हो जाएगा और नीलोखेड़ी जाने की परेशानी खत्म हो जाएगी, लेकिन वर्ष 2018 में दाखिले लेने वाली बेटियों की अगले साल तक डिग्री पूरी हो जाएगी यानि उन्हें तरावड़ी की इस निर्माणाधीन बिल्डिग में पढ़ने का अवसर ही नही मिलेगा। लोकनिर्माण विभाग ने काम में देरी के लिए ठेकेदार पर जुर्माना लगाने के बजाए उसके एस्टीमेट में 4 करोड़ रुपये रिवाइज करने के लिए सरकार को भेजा हुआ है और काम की गति बिलकुल धीमी है जिससे लगता है कि यह काम अगले पांच सालों तक भी पूरा नहीं हो पाएगा। वर्जन

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बिल्डिग निर्माण का टेंडर 12 करोड़ रुपये था, लेकिन अब इसे पूरा करने के लिए 4 करोड़ रुपये की अतिरिक्त जरूरत है। इसके लिए रिवाइज एस्टीमेट भेजा गया है और उसकी मंजूरी के बाद ही काम में तेजी आएगी।

सवित पान्नू, एसडीओ लोकनिर्माण विभाग।


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