सिटी बस ड्राइवर के 120, कंडक्टर के लिए 62 आवेदन, छह महिलाएं भी आई
जागरण संवाददाता, करनाल 20 जनवरी को शहर में सिटी बसें दौड़ाने के लिए मंगलवार को विका
जागरण संवाददाता, करनाल
20 जनवरी को शहर में सिटी बसें दौड़ाने के लिए मंगलवार को विकास सदन में ड्राइवर व कंडक्टर के इंटरव्यू हुए। ड्राइवर के लिए करीब 120 आवेदन आए। इनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं। जबकि सिटी बस का कंडक्टर बनने के लिए 62 ने आवेदन किया। तीन महिलाओं ने भी कंडक्टर का इंटरव्यू दिया। तीन सदस्यीय कमेटी ने आवेदकों से सवाल-जवाब किए। कमेटी में जीएम रोडवेज जयपाल राणा, आरटीओ असिस्टेंट रामकुमार व नगर निगम के व्हीकल इंस्पेक्टर महावीर मलिक शामिल थे। सुबह करीब 10 बजे पहले आवेदकों के कागजातों की जांच की गई। इसके बाद कमेटी ने इंटरव्यू लिया। कमेटी शाम को करीब पांच बजे फारिख हुई। ड्राइवर को ठेकेदार 15815 रुपये महीना वेतन देगा। जबकि कंडक्टर को 12320 रुपये वेतन मिलेगा। छह सिटी बस दो शिफ्ट में चलेंगी। 15 कंडक्टर व 15 ड्राइवर इसके लिए लिए जाने हैं।
दो दिन बाद लिस्ट होगी जारी
जीएम रोडवेज जयपाल राणा का कहना है कि मंगलवार को आवेदकों के इंटरव्यू लिए गए हैं। अब चु¨नदा आवेदकों का ड्राइ¨वग टेस्ट होगा। दो दिन बाद इनकी लिस्ट जारी हो जाएगी। ड्राइवर व कंडक्टर ठेकेदार के माध्यम से लगाए जाएंगे।
दोनों रूट पर 46 स्टापेज, नजदीक के कटेंगे
सिटी बस में एक से पांच किलोमीटर के सफर के लिए पांच रुपये चुकाने होंगे। पांच से 10 किलोमीटर में यह राशि 10 रुपये हो जाएगी। 10 से 15 में 15 रुपये और 15 से 20 किलोमीटर तक के सफर के लिए साधारण सिटी बस से सफर तय करने पर 20 रुपये देने होंगे। एसी बसों में टिकट की यह दर दोगुनी रहेगी। दोनों रूटों की लंबाई सिटी बस से पहले ही नापी जा चुकी है। रूट नंबर एक 16.7 किलोमीटर लंबा है। इस रूट के लिए 20 किलोमीटर के हिसाब से ही किराया वसूला जाएगा। वहीं दूसरे रूट की लंबाई 14 किलोमीटर है। किराया 15 किलोमीटर का ही देना होगा। पहला रूट करनाल जेल से बुढ़ा खेड़ा तक है। इसमें 27 स्टापेज हैं। दूसरा रूट पाल नगर से सेक्टर-4 तक है। इसमें फिलहाल 25 स्टॉप हैं। 100 से 200 मीटर के दायरे में आने वाले रूट काटे जाएंगे।
20 दिसंबर को सीएम दिखाएंगे हरी झंडी
करनाल में 12 दिसंबर 2017 को तीन एसी व तीन साधारण सहित कुछ छह बसें आई थी। इसके बाद इनका रजिस्ट्रेशन कराया गया। यह फिलहाल पंचायत भवन में खड़ी हैं। 20 जनवरी को सीएम मनोहर लाल इसे हरी झंडी दिखाएंगे।
तीन साल लटका रहा प्रोजेक्ट
नगर निगम ने वर्ष 2015 में छह एसी बसें चलाने का फैसला लिया था। बकायदा सिटी बस सेवा समिति बनाई गई। 32 सीटर एक बस की कीमत करीब 22.92 लाख रुपये के हिसाब से छह बसों की कीमत 1.32 करोड़ रुपये पहुंच गई। इसलिए बसें खरीदने की फाइल को मंजूरी के लिए चंडीगढ़ भेजा गया। करीब एक साल तक फाइल धूल फांकती रही। मंजूरी मिली तो राज्य परिवहन विभाग ने राज्य परिवहन के उपक्रम को ही परमिट देने के नियम का हवाला देकर सभी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इसके बाद गुड़गांव के स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसवीपी) के तहत बसें चलाने की योजनाएं भी बनी, लेकिन प्रोजेक्ट सिरे नहीं चढ़ सका।
अब रोडवेज की देखरेख में दौड़ेंगी बसें
सीएम सिटी में रोडवेज विभाग की देखरेख में सिटी बसें दौड़ाई जाएंगी। इन बसों को खरीदेगा नगर निगम ने है। इस सुविधा पर जो खर्च आएगा उसे वहन भी निगम ही करेगा। लेकिन बसों की पूरी देखरेख रोडवेज विभाग की होगी। उन्हीं के बेड़े में ही बसें खड़ी होंगी। इनकी मरम्मत व तेल की जिम्मेदारी भी रोडवेज की रहेगी। इसकी एवज में निगम उन्हें पैसे चुकाएगा।