रावण कुनबे का दहन कर बच्चे देंगे बुराई पर अच्छाई का संदेश
जागरण संवाददाता करनाल कोरोना से बचाव के लिए भले ही इस बार शहर कस्बों व गांवों में बड
जागरण संवाददाता, करनाल : कोरोना से बचाव के लिए भले ही इस बार शहर, कस्बों व गांवों में बड़े स्तर पर रावण दहन के कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा रहा है, लेकिन बच्चों पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। गली व मोहल्लों में रावण, कुंभकरण व मेघनाद के पुतले फूंकने की तैयारी पूरी कर ली है। पुतले बनाए जा चुके हैं।
श्री रामलीला कमेटी की तरफ से हर साल दशहरे मेले व रावण दहन कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। कोरोना संक्रमण के चलते यह आयोजन नहीं किया जा रहा है। ं प्रशासन की ओर से आदेश जारी किए जा चुके हैं। लेकिन गली-मोहल्लों में छोटे स्तर पर इस बार भी बच्चे रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतलों को जलाने की तैयारी कर चुके हैं। कई जगह पुतले तैयार हो चुके हैं तो कुछ जगहों पर अंतिम चरण में काम पहुंच चुका है। खास बात यह है कि पुतलों को बच्चों ने तैयार किया है। किसी खास कारीगर की मदद नहीं ली गई है। तीस फीट का बनाया रावण
पोल्ट्री एरिया में बच्चों ने 30 फीट का रावण तैयार कर आसपास के लोगों को अचरज में डाल दिया। यह कार्य इस क्षेत्र के बच्चे नितिन चनालिया, तनिष्क, जतिन व मन्नू ने किया। उन्होंने सात दिन की मेहनत के बाद पुतले का पूरा हिस्सा तैयार कर लिया है। अब रविवार को पुतले को खड़ा किया जाएगा। बच्चों के इस कार्य को मोहल्ले में सराहा जा रहा है।
शहर के सेक्टर 13, पुराना शहर क्षेत्र, सदर बाजार, लाइन पार क्षेत्र, कई कालोनियों व मोहल्लों सहित देहात में भी इसी तरह से पुतले तैयार किए गए हैं। यह बच्चे रावण दहन के समय की उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं।
विजय के लिए शास्त्रों की पूजा
आचार्य अमन गौतम ने बताया कि विजयादशमी पर जीवन में विजय प्राप्त करने के लिए शस्त्रों की पूजा की जाती है। इस दिन मां दुर्गा, देवी अपराजिता, मां काली की आराधना के साथ शस्त्र पूजा होती है। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 12 मिनट से दोपहर तीन बजकर 27 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में देवी अपराजिता और शमी वृक्ष की पूजा करनी चाहिए।