Move to Jagran APP

असुरक्षित बच्चे : क्योंकि जिम्मेदार लापरवाह जो ठहरे

बसों से स्कूल जाने वाले बच्चों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार कितने चितित है इस उदाहरण से समझ सकते हैं। निसिग में 16 मई को बस पलटती है। 15 बच्चे बस में हैं। चार घायल हो जाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 May 2019 10:16 AM (IST)Updated: Mon, 20 May 2019 06:29 AM (IST)
असुरक्षित बच्चे : क्योंकि जिम्मेदार लापरवाह जो ठहरे
असुरक्षित बच्चे : क्योंकि जिम्मेदार लापरवाह जो ठहरे

असुरक्षित बच्चे : क्योंकि जिम्मेदार लापरवाह जो ठहरे

loksabha election banner

जागरण संवाददाता करनाल : बसों से स्कूल जाने वाले बच्चों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार कितने चितित है, इस उदाहरण से समझ सकते हैं। निसिग में 16 मई को बस पलटती है। 15 बच्चे बस में हैं। चार घायल हो जाते हैं। शनिवार को घटना हो हुए दो दिन बीत गए। यह हादसा क्यों हुआ। कैसे हुआ? आगे हादसे न हो? इस दिशा में किसी भी स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिम्मेदार अलग- अलग तर्क देकर खुद को जस्टिफायी करने की कोशिश कर रहे हैं। हादसे के बाद स्कूल प्रबंधन की ओर से दावा किया गया कि बस का स्टेयरिग जाम हो गया था। इस वजह से बस पलटी थी। स्कूल प्रबंधन का इस दावे का आधार क्या? इस बारे में प्रिसिपल संदीप शर्मा चुप हो जाते हैं। उन्हें यह तक नहीं पता कि बस की पॉसिग कब कराई गई। इस बाबत उनका कहना है कि यह रिकार्ड स्कूल में रखा है।

इतना बड़ा हादसा: फिर भी कोई गंभीर नहीं

स्कूल बस पलटने के मामले में प्रशासन की ओर से कोई जांच नहीं की गई। बड़ा सवाल यह नहीं है कि हादसा हुआ, सवाल यह है कि हादसा हुआ ही क्यों? आगे इस तरह के हादसे न हो, इसके लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए। लेकिन जब कोई इस हादसे की ओर ध्यान ही नहीं दे रहा है तो फिर कैसे बच्चों का सफर सुरक्षित होगा। टालमटोल

क्षेत्र के एसएचओ सुभाष का कहना है कि उन्हें इस संबंध में किसी की शिकायत ही नहीं मिली। अब जब शिकायत नहीं मिली तो कार्रवाई क्या करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि बस की देखरेख का काम तो स्कूल प्रशासन का है। इसमें हम क्या कर सकते हैं? बचाव

स्कूल के प्रिसिपल संदीप शर्मा के लिए बस का स्टेयरिग जाम होना सामान्य बात है। उनका कहना है कि स्टेयरिग का कोई पार्ट खराब हो गया होगा, जिससे हादसा हो गया। ऐसा हुआ क्यों? आगे ऐसा न हो, इसके लिए क्या कदम उठाए। इस पर उनका कहना है कि जांच कराएंगे। फोटो----37 नंबर है। कट आउट।

अनदेखी बसों की जांच तो नियमित तौर पर कर रहे : अनीश कुमार

इधर, आरटीए अनीश कुमार यादव ने बताया कि उन्हें मामले की जानकारी ही नहीं है। बसों की जांच तो नियमित तौर पर कर रहे हैं। स्कूल प्रशासन को रूल की जानकारी दी गई है। अब उनकी जिम्मेदारी है कि नियमों की पालना करे।

क्यों है यह हालात चिताजनक

क्योंकि जिले में हर रोज 10 हजार बच्चे बसों से स्कूल में आ रहे हैं। स्कूल प्रबंधकों की जिम्मेदारी है कि बच्चे सुरक्षित तरीके से स्कूल तक पहुंचे। बस सही हालत में हो, सफर जोखिम मुक्त हो, यह सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है। स्कूल प्रबंधन यदि इस ओर ध्यान न दे तो आरटीए विभाग की जिम्मेदारी है कि वह उनके खिलाफ कार्यवाही करे। लेकिन इस मामले में किसी भी स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। पिछली सरकार में डीसी की जिम्मेदारी फिक्स की थी

हुड्डा सरकार में अंबाला जिले के साहा कस्बे में स्कूल वाहन हादसे के बाद निर्देश दिए थे कि आगे से यदि ऐसा हादसा हुआ तो संबंधित जिले के डीसी की जिम्मेदारी होगी। यूथ फॉर चेंज के अध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल ने बताया कि हालांकि इन आदेशों को सही से लागू नहीं किया गया। यही वजह है कि इसके बाद भी लगातार स्कूल वाहन हादसों का शिकार हो रहे हैं। एडवोकेट ढुल ने बताया कि इस बारे में प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए। क्योंकि जब अभिभावकों से बस में बच्चे के सफर करने के नाम पर मोटी राशि वसूली जा रही है तो सुरक्षित सफर देना भी स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी बनता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.