महामारी के चलते प्रकोप में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केसीजीएमसी को दी एक्मो की सौगात
कोरोना महामारी के बढ़ रहे प्रकोप में लोगों के जीवन को कैसे बचाया जाए इसकी चिता आम और खास सभी को है इसके लिए सरकार प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग दिन रात काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस गंभीर स्थिति में लोगों की जान को बचाने के लिए कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में एक्मो (एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन) मशीन देकर कोविड के गंभीर मरीजों को बचाने की कोशिश में एक नया अध्याय जोड़ा है।
जागरण संवाददाता, करनाल : कोरोना महामारी के बढ़ रहे प्रकोप में लोगों के जीवन को कैसे बचाया जाए इसकी चिता आम और खास सभी को है, इसके लिए सरकार, प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग दिन रात काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस गंभीर स्थिति में लोगों की जान को बचाने के लिए कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में एक्मो (एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन) मशीन देकर कोविड के गंभीर मरीजों को बचाने की कोशिश में एक नया अध्याय जोड़ा है। इस मशीन के स्थापित होने से आइसीयू के बाद यह मशीन गंभीर मरीजों को सांस देने का काम करेगी। सांस देने के अंतिम प्रयास में यह मशीन लोगों को नया जीवन भी देगी।
केसीजीएमसी के निदेशक डा. जगदीश दुरेजा ने बताया कि कोविड के बढ़ते प्रकोप में हर चीज बौनी दिखाई दे रही थी। स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन व सामाजिक संस्थाएं भी इस महामारी में अपना दिन रात एक किए हुए है। स्वास्थ्य विभाग के पास आखिर मरीज को बचाने के लिए आखिरी आइसीयू और वेंटीलेटर की सुविधा थी। आइसीयू व वेंटीलेटर के बाद मरीज को अब एक्मो पर लेकर मरीज की जान को बचाया जा सकता है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ऐसी स्थिति में गंभीर मरीजों के लिए केसीजीएमसी को एक्मो मशीन देकर लोगों को एक बड़ी सौगात दी है। यह मशीन मरीज के लिए दिल और फेफड़ों को ताजगी देने के लिए आखिरी उपचार है। डाक्टर दुरेजा ने बताया कि उपायुक्त निशांत कुमार यादव के सहयोग से मुख्यमंत्री ने इस मशीन को केसीजीएमसी में तत्काल स्थापित करवाया जिसका उद्घाटन 24 मई को मुख्यमंत्री चंडीगढ़ मुख्यालय से वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से करेंगे। इसके उपरांत यह मशीन मरीजों के उपचार के लिए उपलब्ध रहेगी। इस मशीन का प्रयोग करने वाले डाक्टर व अन्य स्टाफ का भी प्रबंध कर लिया गया है। इस मशीन को स्थापित करने में करीब 50 लाख रुपये खर्च आया है। सीएम ने अपने मुख्यमंत्री कोष से इस मशीन को मंगाया है।
डा. दुरेजा ने बताया कि हरियाणा में इससे पहले यह मशीन रोहतक मेडिकल कॉलेज में थी, अब यह मुख्यमंत्री के सहयोग से करनाल में स्थापित हो गई है। जब मरीज आखिरी स्टेज पर होता है तो इसे आईसीयू के बाद इस मशीन पर लाया जाता है। इस मशीन से कृत्रिम फेफड़ों से सांस दी जाती है और बाहर ऑक्सीजन एड हो जाती है और कार्बनडाइऑक्साइड बाहर निकल जाती है। कई मरीजों के फेफड़े इस प्रक्रिया में काम करने शुरू कर देते हैं और मरीज के जीवन के बचने की आशा बढ़ जाती है। इस प्रक्रिया से पहले मरीज अंतिम क्षणों में होता है। डा. दुरेजा का मानना है कि सीएम की इस पहल से बहुत से मरीजों के जीवन को बचाया जा सकेगा।