दहेज के मामले की जांच में दस्तावेजों से छेड़छाड़ का आरोप, महिला थाना प्रभारी सहित पांच पर मामला दर्ज
दहेज मांग को लेकर चल रहे एक मामले में महिला जांच अधिकारी ही आरोपों के घेरे में आ गई है। उन पर दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर दूसरे पक्ष को फायदा पहुंचाने के आरोप में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
दहेज के मामले की जांच में दस्तावेजों से छेड़छाड़ का आरोप, महिला थाना प्रभारी सहित पांच पर मामला दर्ज
जागरण संवाददाता, करनाल : दहेज मांग को लेकर चल रहे एक मामले में महिला जांच अधिकारी ही आरोपों के घेरे में आ गई है। उन पर दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर दूसरे पक्ष को फायदा पहुंचाने के आरोप में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। मामला इंद्री थाने में दर्ज हुआ है जबकि महिला एएसआइ सुनीता देवी वर्तमान में महिला थाना असंध प्रभारी है। इस मामले में दूसरे पक्ष के भी चार लोगों को भी इस शामिल किया गया है। कोर्ट के आदेशों के चलते पुलिस ने यह कार्रवाई की और जांच भी शुरू कर दी जबकि पुलिस अधिकारी ने आरोपों को नकार दिया। 31 जनवरी 2018 को असंध की एक युवती ने अपने पति के खिलाफ दहेज व मारपीट आदि आरोपों में मामला दर्ज कराया था। मामला कोर्ट में चला। उसके बाद मटक माजरी वासी आरोपी व्यक्ति ने महिला पुलिस अधिकारी पर दूसरे पक्ष के साथ मिलीभगत कर उसके ब्यान को लेकर तैयार किए गए दस्तावेजों में छेड़छाड़ जैसे कई आरोप लगाते हुए कहा कि दूसरे पक्ष से मिलीभगत कर उसके बयान से ऊपर महिला जांच अधिकारी सुनीता ने अपने स्तर पर नई लाइनें जोड़ दी, जिससे पहले दिए गए ब्यानों का आधार ही बदल गया। यह उसे फंसाने व दूसरे पक्ष का केस मजबूत बनाने के लिए किया गया। पुलिस ने कोर्ट के आदेशों के चलते अब पीड़ित व्यक्ति की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए आरोपित पत्नी, उसके तीन परिजनों व महिला पुलिस अधिकारी समेत पांच लोगों पर भांदस धारा 420, 467, 468, 471, 192, 196,218, 219, 419 व 120 बी के तहत मामला दर्ज कर लिया।
मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी सतबीर सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश व शिकायत के आधार पर आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
आरोप बेबुनियाद, जांच में सब स्पष्ट हो जाएगा : सुनीता
महिला पुलिस अधिकारी सुनीता देवी का कहना है कि पिछले वर्ष असंध की एक युवती की शिकायत पर उसके पति के खिलाफ दहेज मांग व मारपीट आदि आरोप में केस दर्ज किया गया था। एडीआर सेंटर से रिपोर्ट आने के बाद एफआइआर दर्ज की गई थी। वह मामले में जांच अधिकारी थी और करनाल महिला सेल में कार्यरत थी। आरोपित से दिए गए बयान अनुसार सामान वगैरा भी बरामद कर लिया था। इस दौरान दो तोले की चैन व अंगुठियां भी सबसे बाद में बरामद की गई थी, जिन्हें ही तैयार किए गए दस्तावेजों में उसी समय दर्शाया था। दस्तावेजों में छेड़छाड़ व फर्जी कागजात तैयार कर फंसाने के लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद है। आरोप लगा रहे व्यक्ति ने निजी फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट को आधार बनाते हुए उन पर आरोप लगाए है, जिनका कोई आधार नहीं। जांच में सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।
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