जय हनुमान राइस मिल के पार्टनर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज
संवाद सहयोगी घरौंडा सरकारी धान पर लोन लेकर सरकार को 16 करोड़ रुपये का नुकसान प
संवाद सहयोगी, घरौंडा : सरकारी धान पर लोन लेकर सरकार को 16 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के आरोप में पुलिस ने जय हनुमान राइस एंड जनरल मिल मालिक के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। वहीं किसानधन एग्री फाइनेंसियल कंपनी द्वारा मिल को सरकारी गेहूं व धान पर गलत तरीके से लोन देने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। विभागीय अधिकारियों का आरोप है कि मिल मालिक व कंपनी ने झूठे दस्तावेज बनाकर फंडिग की और सरकार के साथ बड़ा फ्रॉड किया। पुलिस ने खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निरीक्षक की शिकायत पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
शिकायत में लगाए गए आरोपों के अनुसार स्थित जय हनुमान राइस एंड जनरल मिल ने वर्ष 2019-20 में सीएमआर कार्य के लिए जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले नियंत्रक के साथ अनुबंध किया था। अनुबंध के तहत विभाग द्वारा मिलर को 15520 मीट्रिक टन धान अलॉट की थी, जिसका 67 फीसद चावल केंद्रीय पूल में देना था, लेकिन मिलर द्वारा 10398 मीट्रिक टन के स्थान पर केवल 5643 मीट्रिक टन ही एफसीआइ को भेजा गया। जिससे सरकार को लगभग 16 करोड़ की वित्तीय हानि हुई है। इसके अतिरिक्त विभाग ने ऑनर राइस मिल का ऑपन फड़ गेहूं भंडारण के लिए किराये पर लिया था। जिस पर किसानधन एग्री फाइनेंसियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने विभाग द्वारा वर्ष 2018-19 में खरीदी गई सरकारी गेहूं पर बगैर किसी जांच मिल मालिक गौरव गुप्ता को लोन दे दिया।
निरीक्षक राजेश कुमार ने शिकायत में बताया है कि किसान धन एग्री फाइनेंसियल कंपनी ने गलत फंडिग की है, क्योंकि गौरव गुप्ता ने कभी भी इस फड़ पर गेहूं का भंडारण नहीं किया गया था। चूंकि यह फड़ विभाग द्वारा किराये पर लिया गया था। इतना ही नहीं मिल मालिक गौरव गुप्ता ने सरकारी धान (खरीद वर्ष 2019-20) पर भी बाद में लोन करवा लिया, जिसकी विभाग को किसी तरह की जानकारी ही नहीं दी गई। गौरव गुप्ता व फाइनेंसियल कंपनी ने झूठे दस्तावेज बनाकर सरकारी गेहूं व सरकारी धान पर फंडिग करवाकर सरकार के साथ धोखाधड़ी की और वित्तीय हानि पहुंचाई, जिसके लिए दोनों दोषी है। खाद्य आपूर्ति विभाग के निरीक्षक राजेश कुमार की शिकायत पर पुलिस ने मिल मालिक गौरव गुप्ता व फाइनेंसियल कंपनी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
-----------------
डीएफएससी ने सील की थी दोनों राइस मिल
बता दें कि सरकार का चावल न लौटाने पर जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने बीती 16 अक्तूबर को जय हनुमान राइस मिल व एसएसजी फूड पर बड़ी कार्रवाई की थी। डीएफएससी के मुताबिक, इन दोनों राइस मिल को करीब 37 करोड़ रुपये का चावल 15 अक्टूबर तक सरकार को वापस करना था। एसएसजी फूड की वजह से सरकार को 20 करोड़, 92 लाख 96 हजार 200 रुपये का नुकसान हुआ। जबकि जय हनुमान राइस मिल के कारण सरकार को लगभग 16 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। जय हनुमान राइस एंड जनरल मिल के पार्टनर गौरव गुप्ता द्वारा सरकारी धान पर लोन लेकर सरकार के साथ 16 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। वहीं किसान धन एग्री फाइनेंसियल सर्विसेज पर भी झूठे दस्तावेज बनाकर सरकारी गेहूं व धान पर फंडिग करवाने के आरोप लगे है। दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
-कंवर सिंह, थाना प्रभारी घरौंडा।