Move to Jagran APP

कनेडियन विधायक को विदेश में भी लोगों की सेवा करने का जुनून

संवाद सहयोगी तरावड़ी गांव चोपड़ी में रहने वाले संत सिंह दो बार सर्वसम्मति से सरपंच बनकर ि

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 07:56 AM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 07:56 AM (IST)
कनेडियन विधायक को विदेश में भी लोगों की सेवा करने का जुनून
कनेडियन विधायक को विदेश में भी लोगों की सेवा करने का जुनून

संवाद सहयोगी, तरावड़ी : गांव चोपड़ी में रहने वाले संत सिंह दो बार सर्वसम्मति से सरपंच बनकर निष्काम भाव से लोगों की सेवा करते रहे। पिता द्वारा दी गई इस विरासत को उनके बेटे मलकीत सिंह ने भी संभाला। वह भी पांच पर गांव चोपड़ी के सर्वसम्मति से सरपंच बने। अपनी ईमानदारी और मेहनत के बलबूते पर ग्रामीणों की सेवा करते रहे। मलकीत सिंह का भतीजा यूं तो अमेरिका में कानूनी वकालत की पढ़ाई कर रहा था। जब भतीजा साल में एक बार अपने चाचा मलकीत के पास कई हफ्ते रहने के लिए आता था तो चाचा अपने भतीजे के दिमाग में यह सीख जरूर डाल देते थे कि संसार में सबसे बड़ी सेवा मानवता की सेवा है। यह सीख मलकीत सिंह के भतीजे अमन सिंह के दिमाग में पूरी तरह उतर गई।

loksabha election banner

विदेश में लोगों की सेवा करने का जुनून अमन सिंह दिमाग पर इतना उतारू हो गया कि कनाडा के लोगों ने अमन सिंह को उस विधानसभा क्षेत्र का विधायक बना दिया जहां कभी पार्टी ने 48 साल पहले सीट जीती थी लेकिन 48 साल के बाद एनडीपी पार्टी ने अमन सिंह को पिछली बार की तरह इस बार भी चुनावी टिकट देकर कनाडा की ब्रिटिश कोलंबिया असेंबली सीट से चुनाव मैदान में उतार दिया। पिछली बार क्षेत्र के लोगों से भले ही भूल हो गई हो मगर इस बार के चुनाव में कनाडा के रहने वाले लोगों ने कोई भूल चूक नहीं की। इस सीट पर 48 साल बाद विधायक बनने वाले अमन सिंह पहले पगड़ीधारी सिख हैं जिन्होंने इस सीट पर एनडीपी पार्टी की जीत का परचम लहराया है। अमन सिंह भले ही कनाडा में विधायक चुने गए हों लेकिन जीत का जश्न तरावड़ी कस्बे के गांव चोपड़ी में दिखाई दे रहा है। पूरे गांव के लोग खुशी मना रहे हैं।

-----------------------

कनाडा में भी लोगों की सेवा करने का जुनून : मलकीत सिंह भतीजे की इस जीत पर गर्व करने वाले उसके चाचा मलकीत सिंह के मुताबिक अमन सिंह के दिमाग और दिल में कनाडा में भी लोगों की सेवा करने का जुनून था। मलकीत सिंह ने बताया कि अमन सिंह ने वास्तव में बुजुर्गों की परंपराओं को ही आगे बढ़ाया है। मलकीत सिंह बड़ी बेबाकी से कहते हैं कि उनके पिता संत सिंह को गांव चोपड़ी के लोगों ने दो बार सरपंच चुना था। उनके पिता संत सिंह ने जो सेवा लोगों की की उसका फल उन्हें भी मिला। मलकीत सिंह के मुताबिक गांव के लोगों ने वही प्यार और दुलार देते हुए उन्हें भी पांच बार गांव चोपड़ी का सरपंच चुना। वह गर्व से कहते हैं कि अमन सिंह उनका भतीजा है और उन्हें अपने भतीजे पर नाज है।

-------------------

अमेरिका में जाकर की वकालत की पढ़ाई

उन्होंने यह भी खुलासा किया कि अमन सिंह ने वकालत की पढ़ाई अमेरिका में जाकर की। इससे पहले की पढ़ाई उन्होंने हांगकांग में की। मलकीत सिंह ने बताया कि उनके भाई जगदीश सिंह बड़े ही साधारण व्यक्तित्व से जुडे हैं और वह ईमानदारी और लोगों की सेवा में विश्वास रखते हैं। मलकीत सिंह ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि विधायक बनने के बाद भी अमन सिंह गांव चोपड़ी की पुरानी परंपराओं और उनके पारिवारिक छवि को बनाए रखेंगे। विधायक बनने से पहले वह कनाडा में निष्काम भाम से वहां के लोगों की सेवा करते रहे। इसलिए स्थानीय लोगों ने अमन सिंह को विधायक के रूप में चुना।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.