केसीजीएमसी के वार्डो से आ रहे कचरे से निकल रहा बायोमेडिकल वेस्ट
कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पड़े कूड़े के उठान को लेकर नगर निगम की ना-ना के बाद आखिरकार उठान हो गया।
जागरण संवाददाता, करनाल : कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पड़े कूड़े के उठान को लेकर नगर निगम की ना-ना के बाद आखिरकार उठान हो गया। इस कचरे को मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने अपने स्तर पर उठवाया है। बड़ी बात यह है कि जो कूड़ा-कचरा यहां पर आ रहा है उसमें बायोमेडिकल वेस्ट आ रहा है। अब यह बायोमेडिकल वेस्ट कूड़े में मिक्स ना हो इसके लिए सुपरवाइजर सहित कर्मचारी की ड्यूटी डंपिग प्वाइंट पर लगा दी है। जिसमें वह नियमित तौर पर यह आ रहे कचरे की छानबीन करेंगे और कोई बायोमेडिकल वेस्ट है तो उसको अलग करेंगे। सोमवार को दिनभर यह छानबीन चलती रही। सफाई कर्मचारी दिनभर कचरे से बायोमेडिकल को अलग करते रहे।
गौरतलब है कि दैनिक जागरण ने 29 जुलाई के अंक में केसीजीएमसी में लगे कूड़े के ढेर, उठान को लेकर निग को लिखे चार पत्र, निगम ने कह बायोमेडिकल वेस्ट है, अपने स्तर पर निपटें शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। जिसके बाद हरकत में आए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कचरे का यहां से उठान करवा दिया और सफाई कर्मचारी की ड्यूटी भी फिक्स कर दी है, जो आने वाले कचरे में बायोमेडिकल वेस्ट की छानबीन करेगा।
हर वार्ड के कचरे में बायोमेडिकल वेस्ट बन रहा सिरदर्द
दैनिक जागरण संवाददाता ने सोमवार को सफाई कर्मचारियों के साथ करीब एक घंटा बिताया। इस अवधि में केसीजीएमसी के वार्डों से कचरे से भरे आठ डस्टबीन आए। जब एक-एक कर उन्हें गिराया गया तो कचरे में कर्मचारियों ने कचरे का सेग्रीगेशन किया तो हर बैग में बायोमेडिकल वेस्ट की उपलब्धता मिली। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि ऐसा क्यों हो रहा है। जब बायोमेडिल वेस्ट को डिस्पोज आफ करने के लिए व्यवस्था है तो कचरे में क्यों डाला जा रहा है।
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