बैठक से पहले विपक्ष मुखर मेयर की मनमानी के विरोध में निकालेंगे पदयात्रा
13 जुलाई को होने वाली बैठक के के विराध में विपक्ष धरना देने और आंदोलन की तैयारी में जुटा।
अश्विनी शर्मा, करनाल
आगामी 13 तारीख को होने वाली बैठक के खिलाफ विपक्ष मुखर हो गया है। एजेंडे में मेयर पर मनमानी का आरोप लगाते हुए विपक्ष अब एकजुट होने लगा है। विरोध में पदयात्रा निकालने का निर्णय लिया गया है। जागरण ने सबसे पहले निगम का एजेंडा प्रकाशित किया था। इसके बाद से निगम की सियासत गर्म हो गई।
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ऐसे तो टकराव होगा ही
विपक्ष का आरोप है कि मेयर का चुनाव अब प्रत्यक्ष रूप से है, इसीलिए पार्षदों को हाशिये पर धकेला जा रहा है। उनकी बात को तवज्जो नहीं मिलेगी तो फिर टकराव तो होगा ही। मेयर पद की उम्मीदवार रहीं आशा वधवा ने बताया कि पहले ही निगम की बैठक छह माह देरी से हो रही है, शहर में इतनी दिक्कतें हैं, लेकिन मेयर को तो सिर्फ गेट के नाम बदलने की पड़ी है। दूसरे मुद्दों की अनदेखी हो रही है। उन्होंने बताया कि 13 जून की बैठक के बाद आंदोलन शुरू किया जाएगा। लोगों के हकों और विकास के लिए पदयात्रा निकाली जाएगी। धरना भी दिया जाएगा। निगम हाउस की बैठक में संख्या बल के लिहाज से भले ही भाजपा पावर में है, लेकिन शहर की आवाज को दबने नहीं दिया जाएगा। सदन के बाहर भाजपा का विरोध किया जाएगा। एजेंडे में नहीं दिखी विकास की झलक
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मेयर पद के चुनाव में दूसरे नंबर पर रही प्रत्याशी आशा वधवा का कहना है कि हाउस की मीटिग का एजेंडा देखकर यह साफ है कि मेयर विकास कार्यों के बजाय दूसरे कामों पर ध्यान दे रही हैं। पिछले सदन में पास हुए विकास कार्यों को ही थोड़ा बहुत आगे बढ़ाया जा रहा है। विकास का विजन सामने नहीं आया है। विपक्ष पर भी दबाव बनाया जाता है। शक्ति का केंद्रीयकरण करने के लिए ही अब तक सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव नहीं कराया गया है। यह दोनों ही वित्तीय कमेटी में दखल रखते हैं। मेयर मनमानी करना चाहती हैं, लेकिन शहर के विकास के लिए वह खामोश नहीं रहेंगी। बैठक के बाद शहर के सभी 20 वार्ड में पदयात्रा निकालकर जनता की आवाज को उठाया जाएगा। अकेले मेयर की नहीं चलेगी, 11 पार्षद साथ देंगे तो पारित होंगा काम
फोटो----41 नंबर है। नगर निगम के वार्ड नंबर दो के पार्षद बलविद्र सिंह का कहना है कि यह समझना होगा कि सीधा चुनाव होने के बाद मेयर कोई बहुत ज्यादा शक्तिशाली नहीं हुई है। क्योंकि अकेली मेयर की कलम में कोई ताकत नहीं है। अभी शक्तियां मेयर के पास नहीं आई है। सदन में यदि 11 पार्षद किसी एक काम पर सहमत होकर उसे पास करते हैं तो उसे मेयर और कमिश्नर कोई नहीं रोक सकता। मेयर का अधिकार इतना है कि हर तीन माह में एक बार बैठक बुलाए। पार्षद अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हैं और हाउस की मीटिग में भी इसी जागरूकता के साथ अपने अपने वार्ड के लिए काम करेंगे। फोटो----42 नंबर है।
अब जो खामोश है, वह छह माह बाद बोलने लगेंगे
पूर्व वरिष्ठ पार्षद जोगिद्र चौहान का कहना है कि निश्चित तौर पर इस समय अधिकतर पार्षद भाजपा के पास हैं। लेकिन जिस तरह से शक्ति एक ही हाथों में नजर आ रही है, उससे पार्षदों के काम हाशिये पर जाएंगे। काम नहीं होंगे तो पार्षद छह माह बाद खुद ब खुद बोलने लगेंगे। क्योंकि उनके वार्ड की जनता पार्षद से जवाब मांगेंगी। विकास के नाम पर न हो राजनीति : रेनूबाला
मेयर रेनू बाला गुप्ता ने कहा कि लोगों की जरूरत अनुसार विकास कार्य करवाए जाएंगे। इसी क्रम में वह सभी वार्डों का दौरा कर रही हैं। शहर के विकास और गेटों के नाम को लेकर राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने आशा वधवा द्वारा पदयात्रा निकाले जाने के सवाल पर कहा कि विकास के लिए सकारात्मक सोच का होना जरूरी है। यदि विकास को लेकर कोई सुझाव देगा तो हम उसका स्वागत करेंगे।
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