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योग खुद को फिट रखने की प्राचीन कला : बरखा जिदल

सेक्टर-14 स्थित श्रीकृष्ण मंदिर करनाल में योग शिक्षिका बरखा जिदल ने योग और प्राणायाम का सत्र कराया। उन्होंने कहा कि योग खुद को फिट रखने के लिए व्यायाम एक प्राचीन कला है। योग मुद्राओं से आप कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 08:52 AM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 08:52 AM (IST)
योग खुद को फिट रखने की प्राचीन कला : बरखा जिदल
योग खुद को फिट रखने की प्राचीन कला : बरखा जिदल

जागरण संवाददाता, करनाल : सेक्टर-14 स्थित श्रीकृष्ण मंदिर करनाल में योग शिक्षिका बरखा जिदल ने योग और प्राणायाम का सत्र कराया। उन्होंने कहा कि योग खुद को फिट रखने के लिए व्यायाम एक प्राचीन कला है। योग मुद्राओं से आप कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। हर योग मुद्रा अपने आप में विशिष्ट है। इनका नियमित रूप से ही सही अभ्यास करना चाहिए। ज्ञान मुद्रा के बारे में बताते हुए कहा कि हाथ की तर्जनी अंगुली के आगे के सिरे को अंगूठे के अग्रभाग के साथ मिलाकर रखने और हल्का सा दबाव देने से ज्ञान मुद्रा बनती है इससे ध्यान केंद्रित करने, अनिद्रा दूर करने तथा गुस्से को कंट्रोल करने में सहायता मिलती है और ज्ञान मुद्रा विद्यार्थियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है इसके अभ्यास से स्मरण शक्ति और बुद्धि तेज होती है। इससे पहले योग शिक्षक नवीन जिदल ने सूक्ष्म व्यायाम और आसन करवाएं।

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इस अवसर पर नवीन संदूजा, नवीन जिदल, राजीव शमर, मनोज खुराना, वेद प्रकाश खन्ना, पवन गुप्ता, वीना गोयल, बरखा जिदल, ईशा धवन, आशा बंसल, सरिता गर्ग, नीरज सिगला व राघव सिगला मौजूद रहे।


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