Move to Jagran APP

बल्ला में आबादी बढ़ी, सुविधाएं नहीं, विकास कोसों दूर

ऐतिहासिक गांव में शुमार होने वाले बल्ला गांव के लोग आज भी गंदगी के बीच गुजर बसर करने को मजबूर हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 08:03 AM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 08:03 AM (IST)
बल्ला में आबादी बढ़ी, सुविधाएं नहीं, विकास कोसों दूर
बल्ला में आबादी बढ़ी, सुविधाएं नहीं, विकास कोसों दूर

संवाद सहयोगी, बल्ला : ऐतिहासिक गांव में शुमार होने वाले बल्ला गांव के लोग आज भी गंदगी के बीच गुजर बसर करने को मजबूर हैं। देशभर में स्वच्छता अभियान का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, लेकिन जनप्रतिनिधियों ने आंखें मूंद रखी हैं। निकासी के लिए बनाई गई नालियां गंदगी से अटी होने के कारण ओवरफ्लो हो रही हैं। समस्या का समाधान करने के बजाय प्रशासन सिर्फ आश्वासन देकर पल्ला झाड़ लेता है। गांव की कुछ गलियां तो ऐसी हैं जो आज तक कच्ची पड़ी है ग्रामीणों का कहना है कि अगर पुराने समय के मुकाबले बदलाव की तुलना करे तो यहां मात्र आबादी बढ़ी है सुविधाएं नहीं। गलियों में गंदगी के लगे हैं ढेर

loksabha election banner

ग्रामीण राममेहर शर्मा का कहना है कि गांव में सबसे बड़ी समस्या साफ-सफाई की है। गांव की गलियों में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं। नालियों ओवरफ्लो होने की वजह से नालियों का गंदा पानी गलियों में बह रहा है। उनका कहना है कि गांव होने की वजह से जनप्रतिनिधि भी यहां की समस्याओं के समाधान पर ध्यान नहीं देते। खेल स्टेडियम के नाम पर केवल चहारदीवारी

ग्रामीण रामकुमार शर्मा का कहना है कि गांव में खेल स्टेडियम के नाम पर केवल चहारदीवारी कर रखी है। इसमें कोच की व्यवस्था है और अन्य सुविधा तो दूर की बात खेल स्टेडियम के कुछ हिस्से में पानी खड़ा है जबकि कुछ हिस्से जलकुंभी ने अपना साम्राज्य जमा लिया है। व्यायामशाला बनाने का काम भी सिरे नहीं चढ़ पा रहा है। युवा इसी चहारदीवारी के अंदर अभ्यास करते हैं। खेल स्टेडियम का पर्याप्त विकास होना चाहिए, जिससे कि खेल प्रतिभाएं निखर सकें। पेयजल पाइप लाइन बदलने की जरूरत

नरेंद्र ने बताया कि गांव की फिरनी में भरने वाले गंदे पानी की सफाई पंचायत ने कराई है, लेकिन अब भी कुछ स्थानों पर पानी की निकासी की समस्या है। पंचायत को उन रास्तों में भी पानी की निकासी कर गंदगी को दूर करना चाहिए। पाइप लाइन दबाई गई है वह काफी पुरानी हो गई। यह आए दिन लीकेज होती रहती है। नई पाइप लाइन डलवाने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव

राजबीर का कहना है कि इतनी ज्यादा आबादी होने के बावजूद गांव में 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। बीमार होने पर ग्रामीणों को दूर दराज शहरों में जाकर इलाज कराना पड़ा है। गांव के अस्पताल में डाक्टरों के अनेक पद रिक्त पड़े हैं। प्रदेश सरकार की ओर से गांव में करीब आठ करोड़ रुपये की लागत से सीएचसी भवन का निर्माण कराया गया है, लेकिन यहां पर स्वास्थ्य सुविधाएं डिस्पेंसरी के बराबर भी नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.