Move to Jagran APP

दादा यशवंत बोले- पोते अनीश ने पूरा किया अपना वादा, 2020 में भी जीतेगा गोल्ड

गोल्ड कोस्ट में अनीश ने वर्ल्ड रिकार्ड के साथ कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीता तो परिवार खुशी से उछल पड़ा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 13 Apr 2018 07:31 PM (IST)Updated: Fri, 13 Apr 2018 09:12 PM (IST)
दादा यशवंत बोले- पोते अनीश ने पूरा किया अपना वादा, 2020 में भी जीतेगा गोल्ड
दादा यशवंत बोले- पोते अनीश ने पूरा किया अपना वादा, 2020 में भी जीतेगा गोल्ड

जेएनएन, करनाल। गोल्ड कोस्ट में अनीश ने वर्ल्ड रिकार्ड के साथ कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीता। इसकी सूचना जैसे मिलते ही अनीश के पारिवारिक सदस्य उछल पड़े। कुछ देर में ही सेक्टर छह स्थित अनीश के घर पर बधाई देने वालों का तांता लग गया। शांत स्वभाव के 70 वर्षीय दादा यशवंत खुशी से उछल पड़े। बोले कि उनके पोते अनीश ने आज अपना वादा पूरा कर दिया। गोल्ड कोस्ट जाने से पहले कहा था कि सीबीएसई यदि उसे 10वीं के पेपर बाद में देने की छूट देता है तो वह भी इसके बदले देश को गोल्ड दिलाएगा।

loksabha election banner

दादा ने कहा, सीबीएसई और खेल मंत्रालय ने अनीश पर भरोसा जताया। गर्व है कि वह उस पर खरा उतरा। उसका पौता अब 2020 में ओलंपिक में भी देश के लिए गोल्ड मेडल जरूर जीतेगा। बूढ़ी आंखों में चमक अनीश के गोल्ड की बदौलत ही थी। चेहरे के भाव पूरी कहानी खुद ही बयां कर रहे थे। विधवा ताई प्रियंका की तो आंखें छलक आई।

टीचर मौसी मीना कुमारी को पता चला तो स्कूल से सेक्टर छह स्थित अनीश के घर दौड़ी-दौड़ी आई। मौसा कुलबीर भी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे थे। माहौल ऐसा था मानों परिवार की सालों की मेहनत सफल हो गई हो। परिजनों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी। आस-पड़ोस के लोग भी इस खुशी में शरीक हुए। अनीश के सभी मेडल सामने थे और जुबां पर थे उसके विजयी अभियान के किस्से।

खुशी जताते पारिवारिक सदस्य।

मां-बाप चिंतित थे पर दादा को था पूरा यकीन

अमूमन शांत रहने वाले दादा यशवंत अनीश की जीत पर खुलकर बोले। मन की हर बात शेयर की। कहा कि गत दिवस अनीश का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं था। शायद इसी वजह से शाम को अनीश का फोन नहीं आया। उसके मां-बाप भी कुछ चिंतित थे, लेकिन मैं जानता था कि वह मन से बेहद मजबूत है। शुक्रवार सुबह वह जिस जोश के साथ मैदान में उतरा। उसके इरादे में देखकर ही समझ गया था कि आज उसे गोल्ड जीतने से कोई नहीं रोक सकता। जैसे ही फोन आया मैं समझ गया था।

जब दादा बोले-बेटा तुम कहीं पैसे बर्बाद तो नहीं कर रहे

शूटर अनीश करीब दो साल से पिता जगपाल, मां पूनम और बहन मुस्कान के साथ फरीदाबाद में किराये के मकान में रहता है। सेक्टर-छह स्थित पैतृक मकान में फिलहाल दादा यशवंत व परिवार के अन्य सदस्य रहते हैं। दादा ने कहा कि शूटिंग काफी महंगा खेल है। एक दिन पहले ही अनीश की बहन मुस्कान के लिए पांच लाख का सामान खरीदा है। यशवंत ने बताया कि बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए बेटे जगपाल ने कभी पैसों की परवाह नहीं की। एक बार तो उसे टोक भी दिया था कि कहीं तुम पैसे बर्बाद तो नहीं कर रहे। जगपाल का जवाब था कि मेरी असल पूंजी तो अनीश और मुस्कान ही हैं। सच्ची मेहनत की है यह बेकार नहीं जाएगी।

खुशी इसलिए दोगुनी

करनाल से शूटिंग की शुरुआत करने वाले अनीश भनवाल ने अपने कॅरियर के पहले कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड पर निशाना साधा। 25 मीटर रेपिड फायर पिस्टल में अनीश ने यह उपलब्धि हासिल की। खुशी इसलिए भी दोगुनी है कि 15 वर्षीय निशानेबाज ने फाइनल में सटीक निशाने की बदौलत 30 अंक लेकर वर्ल्ड रिकार्ड भी बनाया। इससे पहले 2014 में ग्लाग्सो कॉमनवेल्थ गेम्स में आस्ट्रेलिया के डेविड ने 22 अंक के साथ विश्व रिकार्ड बनाया था।

दो महीने में आस्ट्रेलिया में दूसरा गोल्ड

अनीश ने दिसंबर में नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में 10 गोल्ड सहित 15 पदक जीतकर अपना लोहा मनवाया था। इसके बाद मार्च में आस्ट्रेलिया के शहर सिडनी में हुए जूनियर शूटिंग वर्ल्ड कप में सोने पर निशाना साधा। अब गोल्ड कोस्ट में गोल्ड जीत लिया। दो महीने में आस्ट्रेलिया में अनीश का यह दूसरा अंतरराष्ट्रीय गोल्ड मेडल है। आस्ट्रेलिया की धरती अनीश के लिए काफी लक्की साबित हुई। अनीश अब तक अंतराष्ट्रीय स्तर पर 11 व नेशनल में 35 मेडल जीत चुका है। 579 स्कोर के साथ जूनियर वर्ल्ड चैंपियन में स्टैंडर्ड पिस्टल में भी विश्व रिकार्ड बना चुका है।

माडर्न पेंटाथलॉन में कॉमनवेल्थ तक का सफर

अनीश ने अपने खेल कॅरियर की शुरुआत मार्डन पेंटाथलॉन से की थी। इसमें शूटिंग, दौड़, घुड़सवारी, तैराकी व तलवारबाजी सहित पांच खेल होते हैं। 2013 में इसकी वर्ल्ड चैंपियनशिप में खेल चुका है। 2015 में बीजिंग में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में हिस्सा लिया। यहां लेजर गन में बेहद अच्छा प्रदर्शन किया। इसके बाद शूटिंग की तरफ कदम बढ़ा दिए। शुरुआत में करनाल के एसबीएस स्कूल की 10 मीटर शूटिंग रेंज से शुरुआत की। अब दिल्ली की डॉ. करणी सिंह शूटिंग रेंज में बहन के साथ राष्ट्रमंडल खेलों में दो गोल्ड जीत चुके हरप्रीत सिंह गोल्डी व जशपाल राणा की देखरेख में अभ्यास करता है।

यह भी पढ़ेंः महावीर फौगाट के साथ हुई फिल्‍म दंगल जैसी घटना, नहीं देख सके बेटी का मैच


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.