निरीक्षण के लिए कोहंड पहुंची पशुपालन विभाग की टीम
कोहंड के पोल्ट्री फार्म पर बर्ड फ्लू के कारण हजारों की तादाद में मुर्गिंया मरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पोल्ट्री मालिक को प्रतिदिन लाखों रुपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है।
संवाद सहयोगी, घरौंडा : कोहंड के पोल्ट्री फार्म पर बर्ड फ्लू के कारण हजारों की तादाद में मुर्गिंया मरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पोल्ट्री मालिक को प्रतिदिन लाखों रुपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है। दूसरी ओर पोल्ट्री फार्म मालिक भी पशुपालन विभाग पर निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति का आरोप लगा रहे हैं। पोल्ट्री मालिक का आरोप है कि पशुपालन विभाग ने सप्ताहभर पहले उनके फार्म से सैंपल लिए थे, लेकिन उसकी रिपोर्ट भी आज तक नहीं आई।
कोहंड एरिया के पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू फैलने के बाद पशुपालन विभाग हरकत में आ गया है। रविवार को पशुपालन विभाग की पांच सदस्यीय कमेटी डॉ. विरेंद्र सुखीजा की अगुवाई में कैलाश पोल्ट्री फार्म का निरीक्षण करने पहुंची। करीब आधा घंटे तक पोल्ट्री फार्म की स्थिति का जायजा लिया और पोल्ट्री मालिक से बिना कुछ कहे ही निकलते नजर आए। पशुपालन विभाग की टीम को वापस जाता देख पोल्ट्री फार्म मालिक विकास सिगला ने अधिकारियों को टोका और पूछा कि प्रतिदिन मुर्गिंया मर रही है डॉक्टरों की टीम कब आएगी? अधिकारियों की तरफ से सिगला को जवाब मिला कि जब तक आपके फार्म पर हजार से डेढ हजार तक मुर्गिंया नहीं बचती तब तक डॉक्टरों की टीम सैंपल लेने के लिए नहीं आएगी। इसके बाद सिगला ने अधिकारियों से पूछा कि एक सप्ताह पहले पोल्ट्री फार्म से मुर्गियों के सैंपल लिए गए थे उसकी रिपोर्ट आज तक नहीं आए। डॉक्टरों ने कहा कि सैंपल भोपाल लैब में भेजे हुए हैं। इतना कहने के बाद डॉक्टरों की टीम अपनी गाड़ियों की ओर बढ़ गई, जब मीडिया ने इन अधिकारियों से बातचीत करनी चाही तो वे मीडिया के कैमरों से बचते नजर आए।
पोल्ट्री मालिक विकास ने बताया कि उसके पोल्ट्री फार्म पर 50 हजार से ज्यादा की संख्या में मुर्गियां मर चुकी है लेकिन अधिकारियों की ओर से सहीं जानकारी नहीं दी जा रही है। हो सकता है जो सैंपल पशुपालन विभाग लेकर गया था उसकी रिपोर्ट आ चुकी हो, लेकिन अधिकारी रिपोर्ट छूपा रहे हैं। आसपास के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर बर्ड फ्लू फैल रहा है लेकिन पोल्ट्री मालिक संक्रमित मुर्गियों को सस्ते दामों पर बेच रहे है और बर्ड फ्लू की जानकारी छिपा रहे हैं। इससे खतरा ओर भी ज्यादा बढ़ सकता है। आरोप है कि विभाग पोल्ट्री मालिकों और सरकार दोनों को ही गुमराह करने का काम कर रहा है।
मीडिया से बचते नजर आए अधिकारी
पोल्ट्री फार्म का निरीक्षण करने के बाद लौट रहे पशुपालन विभाग के अधिकारी डा. विरेंद्र सुखीजा से बात की गई तो उन्होंने किसी भी सवाल का सही तरीके से जवाब ही नहीं दिया और मीडिया से बचते दिखाई दिए।
विरेंद्र सुखीजा से हुई बातचीत के कुछ अंश
पत्रकार-भोपाल भेजे गए सैंपल का कोई टाइम पीरियड तो होता होगा सर?
अधिकारी-आई डोंट नो,
पत्रकार-सैंपल रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं कर रहा विभाग?
अधिकारी-आप डिप्टी डायरेक्टर साहब से बात कर सकते हैं।
पत्रकार-रिपोर्ट क्या है?
अधिकारी-रिपोर्ट, गया हुआ है सैंपल भोपाल।
पत्रकार-आप यहां (पोल्ट्री) पर आए थे आज आपने कुछ नहीं देखा?
अधिकारी-डीडी साहब ने आदेश दिया है कि यहां आओ। इसके बाद अधिकारी ने अपनी गाड़ी की खिड़की बंद की और मौके से चले गए।