Move to Jagran APP

पानी निकासी व्यवस्था को संजीवनी देगी अमरुत: आदित्य दहिया

जागरण संवाददाता, करनाल बरसाती पानी की निकासी व सीवरेज व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए में

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Apr 2017 03:01 AM (IST)Updated: Wed, 26 Apr 2017 03:01 AM (IST)
पानी निकासी व्यवस्था को संजीवनी देगी अमरुत: आदित्य दहिया
पानी निकासी व्यवस्था को संजीवनी देगी अमरुत: आदित्य दहिया

जागरण संवाददाता, करनाल

loksabha election banner

बरसाती पानी की निकासी व सीवरेज व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए में अटल मिशन फॉर रिजुविनेशन एंड अर्बन ट्रांसफोरमेशन (अमरुत) संजीवनी का काम करेगी। नगर निगम ने इसकी तैयारियां मुकम्मल कर ली हैं। 234 करोड़ रुपये से सीएम सिटी की बदहाल व्यवस्था को सुधारा जाएगा। बरसाती पानी की निकासी के कार्य पर 156 करोड़ व सीवरेज व्यवस्था में जान फूंकने के लिए 78 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। अधिकारियों की मानें तो यह कार्य अगले महीने से शुरू हो जाएगा। सही समय पर काम हुए तो इस साल बरसात के बाद जलभराव की स्थिति शहर में नहीं बनेगी। नगर निगम आयुक्त डॉ. आदित्य दहिया ने मंगलवार को विकास सदन में करीब दो घंटे चली वर्कशॉप में निर्माण से जुड़ें कार्यों को ओर अधिक गुणवत्तापरक व पारदर्शी बनाने पर मंथन किया। इसमें प्रेजेंटेशन से दिखाया गया कि बरसात के दिनों में बाढ़ की स्थिति हो जाने के लिए कौन-कौन से कारण जिम्मेदार होते हैं। बरसाती पानी की समुचित निकासी के लिए क्या-क्या उपाय किए जाने चाहिए। इंजीनियरों ने बारी-बारी से अपने सुझाव भी दिए। वर्कशॉप में निगम के मुख्य अभियंता अनिल मेहता, सिचांई विभाग के रिटायर्ड कार्यकारी अभियंता आरएस मलिक, निगम के तमाम सहायक इंजीनियर व जूनियर इंजीनियर के साथ ही थर्ड पार्टी इंजीनियरों ने भी हिस्सा लिया।

ठेकेदारों की राशि 6 महीने में रिफंड होगी

आयुक्त ने कहा कि ठेकेदारों द्वारा जमा की जाने वाली प्रतिभूति राशि को 3 साल की बजाए 6 महीने के बाद रिफंड करने के लिए अधिकारियों की एक कमेटी का गठन भी किया जाएगा। जूनियर इंजीनियरों की हेल्प के लिए आईटीआइ व डिप्लोमा होल्डर अप्रेंटिस पर रखे जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य में अच्छी क्वालिटी देना और तय सीमा में कार्य पूरा करना एक कुशल इंजीनियर की पहचान है। किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले प्रोजेक्ट को अच्छी तरह समझ लें। उसके बाद डिजाईन तैयार करके फाइनल ड्राईंग बनवाएं, उसी के अनुरूप एस्टीमेट तैयार करें। सामग्री के रेट का विशेष ध्यान रखें। निर्माण स्थल पर कार्य शुरू होने के बाद समय-समय पर उसका निरीक्षण भी करते रहें।

टे¨स्टग मशीन आज से होगी शुरू

वर्कशॉप में सुझावों के दौरान निगम कर्मचारियों की कार्यकुशलता व बेहतरी के लिए कई निर्णय भी लिए गए। इनमें सबसे अहम निर्णय निगम कार्यालय में मंगवाई गई टे¨स्टग मशीन को बुधवार से चालू करवाना रहा। इसमें मैटिरियल के सैंपल के टेस्ट किए जाएंगे। इससे पहले ऐसे सैंपलों की को एनआइटी कुरुक्षेत्र या सोनीपत की लैब में भेजा जाता था। इसी प्रकार बिटुमिन यानि तारकोल की मात्रा चैक करने के लिए एक्सट्रैक्टर मशीन खरीदी जाएगी। इसके अतिरिक्त 4 ऑटो लेवल मशीनें भी खरीदी जाएंगी। वर्कशॉप में सिचांई विभाग के सेवानिवृत कार्यकारी अभियंता आरएस मलिक ने अर्बन स्ट्रोम वाटर मैनेजमेंट पर एक प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा कि स्ट्रोम वाटर की ड्रेनेज के लेवल सही व पूरी क्षमता के होने चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.