एकता, अखंडता व सामाजिक सौहार्द को समर्पित रहा पूर्व छात्र मिलन समारोह
दयाल सिंह कॉलेज में बैक टू द रूट्स के नाम से पूर्व छात्र मिलन समारोह का आयोजन किया गया। इस आयोजन की विशेषता रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ-साथ देश की एकता अखंडता व परस्पर सामाजिक सौहार्द को समर्पित गीत व संगीत की उत्कृष्ट प्रस्तुतियां रहीं।
जागरण संवाददाता, करनाल : दयाल सिंह कॉलेज में बैक टू द रूट्स के नाम से पूर्व छात्र मिलन समारोह का आयोजन किया गया। इस आयोजन की विशेषता रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ-साथ देश की एकता, अखंडता व परस्पर सामाजिक सौहार्द को समर्पित गीत व संगीत की उत्कृष्ट प्रस्तुतियां रहीं।
हरियाणा विधानसभा के पूर्व स्पीकर व दयाल सिंह कॉलेज के पूर्व छात्र हरमोहिद्र सिंह चट्ठा मुख्य अतिथि रहे। प्रिसिपल चंद्रशेखर भारद्वाज, पूर्व प्रिसिपल जेएस कल्याणा, केएल गोसाई, आरएस खांची, दयाल सिंह कॉलेज मैनेजमेंट के पूर्व जीएम ब्रिगेडियर एनके भंडारी व जीएम प्रो. बीआर गुलाटी अतिथि रहे। इस कॉलेज के पहले सत्र 1949-50 के पहले छात्र लाजपत राय चौधरी, वरिष्ठ समाजसेवी रूप नारायण चानना, अजरुन सिंह चावला, प्रो. एससी जैन, गुलशन खेत्रपाल, रविद्र चावला, अरविद अत्रेजा, विकास भाटिया, सुनील गुप्ता, एसपी लाठर, विजय खेत्रपाल, अनिल सहगल, डा. आरके शमर, जेएस बावा, जेएस गुलाटी, कपिल गर्ग, सतीश मिढ्डा, कपिल अत्रेजा, प्रो. डिपल खौंसला, प्रो. संजय शमर, प्रो. सुशील कुमार व प्रो. अनीता भारद्वाज उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि एचएस चट्ठा ने अपने विद्यार्थी जीवन को याद करते हुए दयाल सिंह कॉलेज में गुजरे अपने समय को जीवन का सर्वश्रेष्ठ समय बताया। डॉ. कृष्ण अरोड़ा व साथियों द्वारा लाइव म्यूजिक के माध्यम से गीत व संगीत का कार्यक्रम पेश किया गया। एंकरिग का कार्य डॉ. अमृत कौर द्वारा अनूठे व प्रभावी ढंग से किया गया। कार्यक्रम में दून इंटरनेशनल स्कूल के विद्यार्थियों ने शानदार व रंगारंग भांगड़ा पेश करके समां बांधा। दयाल सिंह कालेज एलुमनी एसोसिएशन द्वारा गत वर्ष की परीक्षा में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में मेरिट स्थान प्राप्त करने वाले 31 छात्र-छात्राओं को 2500-2500 रुपये छात्रवृत्ति का चेक प्रदान किया गया।
इस दौरान एलुमनी एसोसिएशन के प्रधान पंकज अनेजा, उप प्रधान आदित्य बंसल, सचिव संदीप अरोड़ा, संयुक्त सचिव दिनेश गुलाटी, कोषाध्यक्ष डॉ. राजन लांबा, राजेश ग्रोवर, निर्मल सिंह, हरभजन सिंह, प्रो. आरके शर्मा व कार्यक्रम निदेशक कुलजिद्र मोहन सिंह बाठ मौजूद रहे।