15 दिन में सरकारी विभाग जमा करवाएं बकाया 40 करोड़ प्रॉपर्टी टैक्स
जागरण संवाददाता करनाल प्रदेश सरकार के विभिन्न सरकारी विभागों की ओर से बरसों से बकाय
जागरण संवाददाता, करनाल : प्रदेश सरकार के विभिन्न सरकारी विभागों की ओर से बरसों से बकाया 40 करोड़ रुपये से भी अधिक प्रॉपर्टी टैक्स के निगम के खजाने में आने की उम्मीद बंधी है। उपायुक्त एवं नगर निगम आयुक्त निशांत कुमार यादव ने शुक्रवार को विकास सदन के सभागार में करीब 12 विभागों के अधिकारियों व प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उन्हें एक पखवाड़े की मोहलत देकर प्रॉपर्टी टैक्स की रकम जमा करवाने के निर्देश दिए। इस मामले में सकारात्मक कदम ना उठाने वाले अधिकारियों के खिलाफ नगर निगम अधिनियम में दी गई कार्यवाही की जाएगी।
आयुक्त ने कहा कि नगर निगम अपने समस्त नागरिकों को वर्ष भर मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाता है और यह सब करने के लिए एकमात्र स्त्रोत प्रॉपर्टी टैक्स है। जो ईमानदारी व समय से नगर निगम के खजाने में आना चाहिए। कोविड के बाद स्थिति और बदल गई है। सरकार की तरफ से साफ-साफ कहा गया है कि नगर निगम अपने खर्चे चलाने के लिए अपने स्त्रोत से फंड एकत्रित करे। निगम का सालाना खर्च 80 से 85 करोड़ रूपये है, जबकि आय मात्र 25 से 30 करोड़ हो रही है। ऐसे में खर्च चलाना कितना मुश्किल है। इस बात का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
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सबसे ज्यादा बकाया एचएपी मधुबन पर
निगम आयुक्त ने मीटिग में आए अलग-अलग विभागों के प्रतिनिधियों को ब्याज सहित उनके ड्यूज बताए और यह भी कहा कि आगामी 31 अक्टूबर तक यदि सभी विभाग संपत्ति कर की बकाया राशि को एकमुश्त जमा करवाते हैं तो उन्हें समस्त ब्याज की छूट का लाभ मिलेगा। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण पर 65 लाख 340 रुपये, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम और हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम पर तीन करोड़ 14 लाख 44 हजार 395, कृषि विभाग पर 20 लाख 42 हजार 603, जिला परिषद पर 68 लाख 79 हजार 613 व सहकारी चीनी मिल पर तीन करोड 94 लाख 24 हजार 657 रुपये बकाया है। सहकारी बैंक पर दो लाख 69 हजार 775, सिचाई विभाग पर एक करोड़ सात लाख 23 हजार, जन स्वास्थ्य विभाग पर एक करोड़ 64 लाख 56 हजार 765 रुपये, लोक निर्माण विभाग (भवन एवं सड़कें) पर दो करोड़ 76 लाख 63 हजार 161, मार्केटिग बोर्ड पर 17 लाख 99 हजार 917, एचएपी मधुबन पर 26 करोड़ 35 लाख तीन हजार 152 व खेल विभाग की ओर 81 लाख 21 हजार 663 रुपये का संपत्ति कर बकाया है। सात की जगह 15 दिन का दिया समय
संपत्ति कर को लेकर आयुक्त ने उपस्थित अधिकारियों की बात सुनी और उन द्वारा उठाए गए मुद्दों का समाधान किया। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने-अपने मुख्यालय से संपर्क कर टैक्स की मांग कर लें। पहले उन्होंने एक सप्ताह का टाइम दिया और फिर समय बढ़ाते हुए 15 दिन कर दिए।