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गांवों के आइसोलेशन सेंटर पर मिल रही है मरीजों को सभी सुविधाएं

कोरोना महामारी ने गांव की ओर अपना रूख कर लिया है। इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने जिले के सभी गांवों में व्यापक प्रबंध किए हैं। स्वास्थ्य विभाग आशा वर्कर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सामाजिक कार्यकर्ता गांव में घर-घर जाकर मॉनिटरिग कर रहे हैं। जो लोग कोरोना से संदिग्ध आ रहे हैं उन्हें होम आइसोलेट या ग्रामीण क्षेत्र में बने आइसोलेशन सेंटर में भेज रहे हैं। जिले में प्रथम चरण में 50 गांवों में होम आइसोलेशन सेंटर बनाए गए इन सेंटरों पर सभी सुविधाएं दी गई। यह सेंटर गांव के राजकीय स्कूल व सार्वजनिक चौपाल में बनाए गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 May 2021 07:33 AM (IST)Updated: Mon, 24 May 2021 07:33 AM (IST)
गांवों के आइसोलेशन सेंटर पर मिल रही है मरीजों को सभी सुविधाएं
गांवों के आइसोलेशन सेंटर पर मिल रही है मरीजों को सभी सुविधाएं

जागरण संवाददाता, करनाल : कोरोना महामारी ने गांव की ओर अपना रूख कर लिया है। इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने जिले के सभी गांवों में व्यापक प्रबंध किए हैं। स्वास्थ्य विभाग, आशा वर्कर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सामाजिक कार्यकर्ता गांव में घर-घर जाकर मॉनिटरिग कर रहे हैं। जो लोग कोरोना से संदिग्ध आ रहे हैं, उन्हें होम आइसोलेट या ग्रामीण क्षेत्र में बने आइसोलेशन सेंटर में भेज रहे हैं। जिले में प्रथम चरण में 50 गांवों में होम आइसोलेशन सेंटर बनाए गए, इन सेंटरों पर सभी सुविधाएं दी गई। यह सेंटर गांव के राजकीय स्कूल व सार्वजनिक चौपाल में बनाए गए हैं।

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उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि बढ़ते कोरोना पर चोट मारने के लिए सबसे बड़ा तरीका गांव की आबादी को संक्रमित होने से बचाना है। इसके लिए जिला प्रशासन ने व्यापक प्रबंध किए हैं। कोरोना संक्रमित लोगों की पहचान के लिए जहां घर-घर टीमें जा रही हैं, वहीं प्रशासन द्वारा संक्रमित होने व्यक्ति को स्वास्थ्य किट भी उपलब्ध करवाई जा रही है। जिले में अब करीब 1500 किट वितरित की गई है। इन किटों में दवाइयों के साथ-साथ ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर व स्टीमर भी रखा गया है, जिससे समय-समय पर संक्रमित मरीज अपने ऑक्सीजन के लेवल व बुखार को चैक कर सकता है। उन्होंने बताया कि जो भी संक्रमित होम आइसोलेट या ग्रामीण आइसोलेशन सेंटर में है उसके स्वास्थ्य के रख-रखाव के लिए केसीजीएमसी के 200 प्रशिक्षु डाक्टरों को लगाया है। यह प्रशिक्षु डाक्टर प्रतिदिन दो बार मरीज से बात करते हैं। यदि मरीज की स्थिति संतोषजनक है तो वह उन्हें दवाइयों के बारे में बताते हैं, यदि ऑक्सीजन लेवल कम है तो इन डाक्टरों की सलाह पर ऑक्सीजन के लिए सीएचसी केन्द्रों में बनाए गए कोविड सेंटरों में भेजा जा रहा है। जिले में अभी तक घरौंडा और असंध के सीएचसी सेंटरों में ही 10-10 मरीज हैं। अन्य किसी कोविड सेंटर में मरीज दाखिल नहीं हुए हैं।


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