मजबूरी में स्कूल छोड़ चुके 217 बच्चों का दोबारा होगा एडमिशन : हितेश गर्ग
6 से 14 साल तक के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा दिलवाना हर मां-बाप का मौलिक कर्तव्य और हर बच्चे का अधिकार है। इसी को लेकर जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण करनाल के निर्देशानुसार सब डिविजन इंद्री में शिक्षित बच्चा-बेहतर भविष्य अभियान चलाया गया।
जागरण संवाददाता, करनाल : 6 से 14 साल तक के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा दिलवाना हर मां-बाप का मौलिक कर्तव्य और हर बच्चे का अधिकार है। इसी को लेकर जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण करनाल के निर्देशानुसार सब डिविजन इंद्री में शिक्षित बच्चा-बेहतर भविष्य अभियान चलाया गया।
इसके तहत 4 टीमों का गठन किया गया, प्रत्येक टीम में एक अधिवक्ता व दो पैरा लीगल वालंटियर्स शामिल थे, जिन्होंने उपमंडल के सभी गांवों में जाकर ऐसे 217 बच्चों को ढूंढा जो स्कूल नहीं जाते या जो स्कूल छोड़ चुके हैं। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को इन सभी बच्चों की सूची भेजी गई है। ताकि इनका एडमिशन हो सके।
प्राधिकरण के सचिव हितेश गर्ग ने बताया कि समाज तब तक तरक्की और उन्नति नहीं कर सकता, जब तक हर बच्चा शिक्षित न हो जाए। विकास के द्वार शिक्षा के माध्यम से ही खुलते हैं। हमारे संविधान में भी अनुच्छेद 21ए के तहत प्राथमिक शिक्षा का मौलिक अधिकार दिया गया है।