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लोगों के हक के लिए सपना बनती आवाज

समाजसेवी सपना राणा युवतियों के सामने सशक्तीकरण की मिसाल पैदा कर रही हैं। वह लोगों के सामने उदाहरण पेश करती है कि एक महिला भी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाकर पीड़ित की मदद सकती है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Aug 2019 08:16 AM (IST)Updated: Sun, 11 Aug 2019 08:16 AM (IST)
लोगों के हक के लिए सपना बनती आवाज
लोगों के हक के लिए सपना बनती आवाज

जागरण संवाददाता, करनाल : समाजसेवी सपना राणा युवतियों के सामने सशक्तीकरण की मिसाल पैदा कर रही हैं। वह लोगों के सामने उदाहरण पेश करती है कि एक महिला भी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाकर पीड़ित की मदद सकती है। महिलाओं को भी उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के साथ ही वह गरीब बच्चों की मदद के लिए तैयार रहती है। इसके साथ साथ सामाजिक सरोकारों पर्यावरण संरक्षण को लेकर लगातार काम कर रही है। उल्लेखनीय कार्यों को देखते हुए उन्हें कई संस्थाएं सम्मानित कर चुकी है।

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सपना राणा युवा शक्ति दल की प्रदेशाध्यक्ष होने के साथ साथ सहयोग फाउंडेशन की अध्यक्ष भी हैं। भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम को चलाने में भी सक्रिय भूमिका अदा कर रही हैं। वह एंटी करप्शन फाउंडेशन की युवा महिला विग की प्रदेशाध्यक्ष के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे रही हैं। सपना का कहना है कि महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना होगा। उन्हें किसी से भी डरने की जरूरत नहीं है। यदि किसी महिला पर अत्याचार होता है और वह चुप रहते तो इससे अत्याचार करने वाले का हौसला बढ़ता है। ऐसी स्थिति में उसका डटकर विरोध करना चाहिए। महिलाएं लगातार हर क्षेत्र में आगे बढ़कर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रही है।

झुग्गी-झोंपड़ी में जाकर करती बच्चों की मदद

सपना राणा शहर की झुग्गी-झोंपड़ियों में जाकर समय समय पर बच्चों की मदद करती है। उन्हें स्कूल में दाखिल कराने के लिए अभिभावकों को प्रेरित करती है। बच्चों के साथ समय बीताकर उन्हें भी शिक्षा के प्रति जागरूक करती है। इन्हीं के बीच में पर्यावरण संरक्षण को लेकर पौधारोपण अभियान भी चलाया जा रहा है।

गरीब को दिलवाया था इंसाफ

मॉडल टाउन की मार्केट में सड़क किनारे बुजुर्ग की रेहड़ी हटवाने के आदेश नगर निगम ने चार साल पहले जारी किए थे। बुजुर्ग यही रेहड़ी लगाकर वह अपने परिवार का गुजर-बसर कर रहा था। वह ऐसी जगह रेहड़ी लगा रहा था, जिससे न तो कोई यातायात व्यवस्था पर असर पड़ रहा था और न ही स्थानीय लोगों को कोई दिक्कत थी। समाजसेवी सपना राणा ने बुजुर्ग का साथ दिया। उसने बुजुर्ग के पक्ष में भूख हड़ताल की। 13 दिन तक वह भूख हड़ताल करने के बाद नगर निगम को उसकी मांग माननी पड़ी। करीब 16 साल पहले करनाल में कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए शुरू हुए आंदोलन में भी सपना ने भागीदारी की।

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